चंद्रगोपाल
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- चंद्रगोपाल रामराय गोस्वामी के छोटे भाई तथा गौरगोपाल के छोटे पुत्र थे।
- ये लोग लाहौर से आकर वृंदावन में बस गए, जहाँ अब तक इनके वंशज रहते हैं।
- ये सभी चैतन्य संप्रदायी श्रीराधारमणी वैष्णव हैं।
- चंद्रगोपाल भी संस्कृत के विद्वान् तथा ब्रजभाषा के सुकवि थे।
- श्री राधामाधव भाष्य, गायत्री भाष्य तथा श्री राधामाधवाष्टक संस्कृत रचनाएँ हैं।
- इनका जन्म सं. १५५२ के लगभग हुआ था अत: इनका रचनाकाल सं. १५७५ से सं. १६०० के बाद तक रहा।
टीका टिप्पणी और संदर्भ