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*मुहमदी से लखनऊ<ref>जो नदी के उद्गम स्थान से 1८० मील की दूरी पर है</ref>तक नदी की चौड़ाई 1०० फुट से 12० फुट तक है।  
 
*मुहमदी से लखनऊ<ref>जो नदी के उद्गम स्थान से 1८० मील की दूरी पर है</ref>तक नदी की चौड़ाई 1०० फुट से 12० फुट तक है।  
 
*यहाँ नदी के कगार भी पर्याप्त ऊँचे हैं। सीतापुर जिले में कथना<ref>९० मील लंबी</ref>तथा सरायाना<ref>12० मील लंबी</ref>नदियाँ गोमती में मिलती हैं। लखनऊ नगर में कई पुल हैं।  
 
*यहाँ नदी के कगार भी पर्याप्त ऊँचे हैं। सीतापुर जिले में कथना<ref>९० मील लंबी</ref>तथा सरायाना<ref>12० मील लंबी</ref>नदियाँ गोमती में मिलती हैं। लखनऊ नगर में कई पुल हैं।  
*लखनऊ से आगे बढ़ने पर नदी बाराबंकी, सुल्तानपुर तथा जौनपुर जिलों से होकर बहती है। इन हिस्सों में नदी का मार्ग पर्याप्त टेढ़ा मेढ़ा है। यहाँ चौड़ाई भी 2०० फुट से ६०० फुट तक हो जाती है।  
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*लखनऊ से आगे बढ़ने पर नदी बाराबंकी, सुल्तानपुर तथा जौनपुर जिलों से होकर बहती है। इन हिस्सों में नदी का मार्ग पर्याप्त टेढ़ा मेढ़ा है। यहाँ चौड़ाई भी 2०० फुट से 6०० फुट तक हो जाती है।  
*जौनपुर नगर में 1६वीं शती के अंत में ६54 फुट लंबा पत्थर का बना हुआ प्रसिद्ध शाही पुल है। जौनपुर के आगे इस नदी में प्रसिद्ध सई नदी मिलती है, फिर नदी वाराणसी से 2० मील उत्तर, पटना गाँव के पास गंगा नदी से मिलती है।
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*जौनपुर नगर में 16वीं शती के अंत में 654 फुट लंबा पत्थर का बना हुआ प्रसिद्ध शाही पुल है। जौनपुर के आगे इस नदी में प्रसिद्ध सई नदी मिलती है, फिर नदी वाराणसी से 2० मील उत्तर, पटना गाँव के पास गंगा नदी से मिलती है।
 
*गोमती नदी अपनी सहायक नदियों के साथ ७5०० वर्ग क्षेत्र को लाभान्वित करती है। अतिवृष्टि के कारण नदी में बहुधा बाढ़ आती है। गोमती में यातायात नावों द्वारा मुहमदी तक होता है। (हरि हर सिंह)
 
*गोमती नदी अपनी सहायक नदियों के साथ ७5०० वर्ग क्षेत्र को लाभान्वित करती है। अतिवृष्टि के कारण नदी में बहुधा बाढ़ आती है। गोमती में यातायात नावों द्वारा मुहमदी तक होता है। (हरि हर सिंह)
  

०७:३९, १८ अगस्त २०११ का अवतरण

  • गोमती भारत के उत्तर प्रदेश की नदी है। यह पीलीभीत से 2० मील पूर्व गोमत ताल से निकलकर प्रारंभ में 12 मील तक एक खड्ड के रूप में बहती है। 35 मील के बाद नदी में जोकनाई नदी मिलती है जहाँ से नदी स्थायी जलप्रवाह के रूप में बहती है।
  • यहाँ से कुछ मील आगे नदी पर शाहजहाँपुर से खेरी जानेवाली सड़क पर 21० फुट लंबा पुल है। पुल के बाद नदी शाहजहाँपुर तथा खेरी के जिलों में मंद गति से बहती है तथा बहुत सी सहायक नदियाँ और नाले इसमें मिलते हैं।
  • मुहमदी से लखनऊ[१]तक नदी की चौड़ाई 1०० फुट से 12० फुट तक है।
  • यहाँ नदी के कगार भी पर्याप्त ऊँचे हैं। सीतापुर जिले में कथना[२]तथा सरायाना[३]नदियाँ गोमती में मिलती हैं। लखनऊ नगर में कई पुल हैं।
  • लखनऊ से आगे बढ़ने पर नदी बाराबंकी, सुल्तानपुर तथा जौनपुर जिलों से होकर बहती है। इन हिस्सों में नदी का मार्ग पर्याप्त टेढ़ा मेढ़ा है। यहाँ चौड़ाई भी 2०० फुट से 6०० फुट तक हो जाती है।
  • जौनपुर नगर में 16वीं शती के अंत में 654 फुट लंबा पत्थर का बना हुआ प्रसिद्ध शाही पुल है। जौनपुर के आगे इस नदी में प्रसिद्ध सई नदी मिलती है, फिर नदी वाराणसी से 2० मील उत्तर, पटना गाँव के पास गंगा नदी से मिलती है।
  • गोमती नदी अपनी सहायक नदियों के साथ ७5०० वर्ग क्षेत्र को लाभान्वित करती है। अतिवृष्टि के कारण नदी में बहुधा बाढ़ आती है। गोमती में यातायात नावों द्वारा मुहमदी तक होता है। (हरि हर सिंह)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जो नदी के उद्गम स्थान से 1८० मील की दूरी पर है
  2. ९० मील लंबी
  3. 12० मील लंबी