"गजमुत्ता": अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (गजमुत्त का नाम बदलकर गजमुत्ता कर दिया गया है)
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति २३: पंक्ति २३:
}}
}}


'''गजमुक्त''' भारतीय पारंपरिक विश्वास के अनुसार मुक्ता (मोती) गज, मेघ, वराह, शंख, मत्स्य, सर्प, शक्ति और वेण, आठ साधनों से प्राप्त होते है। गजमुक्ता इसी प्रकार की एक मुक्ता है जिसके संबंध में कहा जाता है कि वह हाथी के मस्तिष्क से प्राप्त होता है। किंतु आधुनिक विज्ञान इस प्रकार किसी मोती की उत्पत्ति को स्वीकार नहीं करता। उसकी दृष्टि में यह कोरी कविकल्पना है।  
'''गजमुक्ता''' भारतीय पारंपरिक विश्वास के अनुसार मुक्ता (मोती) गज, मेघ, वराह, शंख, मत्स्य, सर्प, शक्ति और वेण, आठ साधनों से प्राप्त होते है। गजमुक्ता इसी प्रकार की एक मुक्ता है जिसके संबंध में कहा जाता है कि वह हाथी के मस्तिष्क से प्राप्त होता है। किंतु आधुनिक विज्ञान इस प्रकार किसी मोती की उत्पत्ति को स्वीकार नहीं करता। उसकी दृष्टि में यह कोरी कविकल्पना है।  





११:५६, २३ अप्रैल २०१७ के समय का अवतरण

लेख सूचना
गजमुत्ता
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 352
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमेश्वरीलाल गुप्त

गजमुक्ता भारतीय पारंपरिक विश्वास के अनुसार मुक्ता (मोती) गज, मेघ, वराह, शंख, मत्स्य, सर्प, शक्ति और वेण, आठ साधनों से प्राप्त होते है। गजमुक्ता इसी प्रकार की एक मुक्ता है जिसके संबंध में कहा जाता है कि वह हाथी के मस्तिष्क से प्राप्त होता है। किंतु आधुनिक विज्ञान इस प्रकार किसी मोती की उत्पत्ति को स्वीकार नहीं करता। उसकी दृष्टि में यह कोरी कविकल्पना है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ