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''' | '''गजमुक्ता''' भारतीय पारंपरिक विश्वास के अनुसार मुक्ता (मोती) गज, मेघ, वराह, शंख, मत्स्य, सर्प, शक्ति और वेण, आठ साधनों से प्राप्त होते है। गजमुक्ता इसी प्रकार की एक मुक्ता है जिसके संबंध में कहा जाता है कि वह हाथी के मस्तिष्क से प्राप्त होता है। किंतु आधुनिक विज्ञान इस प्रकार किसी मोती की उत्पत्ति को स्वीकार नहीं करता। उसकी दृष्टि में यह कोरी कविकल्पना है। | ||
११:५५, २३ अप्रैल २०१७ का अवतरण
गजमुत्ता
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 352 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
गजमुक्ता भारतीय पारंपरिक विश्वास के अनुसार मुक्ता (मोती) गज, मेघ, वराह, शंख, मत्स्य, सर्प, शक्ति और वेण, आठ साधनों से प्राप्त होते है। गजमुक्ता इसी प्रकार की एक मुक्ता है जिसके संबंध में कहा जाता है कि वह हाथी के मस्तिष्क से प्राप्त होता है। किंतु आधुनिक विज्ञान इस प्रकार किसी मोती की उत्पत्ति को स्वीकार नहीं करता। उसकी दृष्टि में यह कोरी कविकल्पना है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ