"कनखल": अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - "१" to "1")
पंक्ति २३: पंक्ति २३:
}}
}}
*कनखल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में स्थित एक कस्बा है।  
*कनखल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में स्थित एक कस्बा है।  
*यह २९रू ५५व् उ.अ. और ७८रू११ पू.दे. पर बसा है।  
*यह २९रू ५५व् उ.अ. और ७८रू11 पू.दे. पर बसा है।  
*जनसंख्या लगभग २५,००० और क्षेत्रफल ६३ एकड़ है।  
*जनसंख्या लगभग २५,००० और क्षेत्रफल ६३ एकड़ है।  
*कनखल हरिद्धार से लगभग एक मील दक्षिण और ज्वालापुर से दो मील पश्चिम गंगा के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।  
*कनखल हरिद्धार से लगभग एक मील दक्षिण और ज्वालापुर से दो मील पश्चिम गंगा के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।  
*नगर के दक्षिण में दक्ष प्रजापति का भव्य मंदिर है जिसके निकट सतीघाट के नाम से वह भूमि है जहाँ पुराणों<ref>कूर्म २.३८ अ., लिंगपुराण १००.८</ref> के अनुसार शिव ने सती के प्राणोत्सर्ग के पश्चात्‌ दक्षयज्ञ का ध्वंस किया था।  
*नगर के दक्षिण में दक्ष प्रजापति का भव्य मंदिर है जिसके निकट सतीघाट के नाम से वह भूमि है जहाँ पुराणों<ref>कूर्म २.३८ अ., लिंगपुराण 1००.८</ref> के अनुसार शिव ने सती के प्राणोत्सर्ग के पश्चात्‌ दक्षयज्ञ का ध्वंस किया था।  
*यह हिंदुओं का एक पुण्य तीर्थस्थल है जहाँ प्रति वर्ष लाखों तीर्थयात्री दर्शनार्थ आते हैं।  
*यह हिंदुओं का एक पुण्य तीर्थस्थल है जहाँ प्रति वर्ष लाखों तीर्थयात्री दर्शनार्थ आते हैं।  
*कनखल में अनेक उद्यान हैं जिनमें केला, आलूबुखारा, लीची, आडू, चकई, लुकाट आदि फल भारी मात्रा में उत्पन्न होते हैं।  
*कनखल में अनेक उद्यान हैं जिनमें केला, आलूबुखारा, लीची, आडू, चकई, लुकाट आदि फल भारी मात्रा में उत्पन्न होते हैं।  

०८:४७, १२ अगस्त २०११ का अवतरण

लेख सूचना
कनखल
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 383
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1975 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक कैलाश चंद्र शर्मा
  • कनखल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में स्थित एक कस्बा है।
  • यह २९रू ५५व् उ.अ. और ७८रू11 पू.दे. पर बसा है।
  • जनसंख्या लगभग २५,००० और क्षेत्रफल ६३ एकड़ है।
  • कनखल हरिद्धार से लगभग एक मील दक्षिण और ज्वालापुर से दो मील पश्चिम गंगा के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।
  • नगर के दक्षिण में दक्ष प्रजापति का भव्य मंदिर है जिसके निकट सतीघाट के नाम से वह भूमि है जहाँ पुराणों[१] के अनुसार शिव ने सती के प्राणोत्सर्ग के पश्चात्‌ दक्षयज्ञ का ध्वंस किया था।
  • यह हिंदुओं का एक पुण्य तीर्थस्थल है जहाँ प्रति वर्ष लाखों तीर्थयात्री दर्शनार्थ आते हैं।
  • कनखल में अनेक उद्यान हैं जिनमें केला, आलूबुखारा, लीची, आडू, चकई, लुकाट आदि फल भारी मात्रा में उत्पन्न होते हैं।
  • यहाँ के अधिकांश निवासी ब्राह्मण हैं जिनका पेशा प्राय: हरिद्वार अथवा कनखल में पौरोहित्य या पंडगिरी है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कूर्म २.३८ अ., लिंगपुराण 1००.८