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2. नगर, स्थिति : 37° 26' उ. अ. तथा 80° 15' पू. दे.। यह नगर उपर्युक्त जनपद का प्रशासनिक केंद्र तथा राज्य की प्रमुख अनाज मंडियों में से एक है। यह लखनऊ से 63 मील उत्तर पूर्व तथा रेलमार्ग पर स्थित है। नगर में शोरा बनाने के दो कारखाने हैं। अनाज और शौरा यहाँ से बाहर जाता है। यहाँ लकड़ी पर खुदाई का काम होता है। नगर में कई शिक्षण संस्थाएँ हैं। यहाँ की जनसंख्या 36,725 (1961) है। | 2. नगर, स्थिति : 37° 26' उ. अ. तथा 80° 15' पू. दे.। यह नगर उपर्युक्त जनपद का प्रशासनिक केंद्र तथा राज्य की प्रमुख अनाज मंडियों में से एक है। यह लखनऊ से 63 मील उत्तर पूर्व तथा रेलमार्ग पर स्थित है। नगर में शोरा बनाने के दो कारखाने हैं। अनाज और शौरा यहाँ से बाहर जाता है। यहाँ लकड़ी पर खुदाई का काम होता है। नगर में कई शिक्षण संस्थाएँ हैं। यहाँ की जनसंख्या 36,725 (1961) है। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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१०:४७, १४ जून २०१५ का अवतरण
हरदोई
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 12 |
पृष्ठ संख्या | 293 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | कमलापति त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | अजितनारायण मेहरोत्रा |
हरदोई 1. जिला, यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का जिला है जिसके उत्तर में खीरी और शाहजहाँपुर, पश्चिम में फर्रूखाबाद, दक्षिण में कानपुर, दक्षिण पूर्व में उन्नाव, पूर्व में लखनऊ तथा पूर्वोत्तर में सीतापुर, जिले है। इस जिले का क्षेत्रफल 5952 वर्ग किमी तथा जनसंख्या 15,73,171 (1961) है। सतह प्राय: समतल है और गंगा, रामगंगा, गढ़ा, सई, सुखेता तथा गोमती आदि नदियों द्वारा सिंचित है। इसके मध्य भाग की निचली भूति में झीलें हैं जिनमें दाहर झील सबसे बड़ी है। जिले में बड़े जंगली क्षेत्र अभी भी हैं। इन जंगलों में ढाक, बरगद और बाँस अधिकता से मिलते हैं। यहाँ भेड़िए, नीलगाय, बारहसिंघा, गीदड़ और खरगोश आदि जानवर मिलते हैं। जंगली मुर्गियाँ, जलकुक्कुट, हंस, धूसर, बत्तख तथा जंगली बत्तख भी मिलते हैं।
जिले की जलवायु स्वास्थ्यवर्धक है। जनवरी में यहाँ का ताप 50° फारेनहाइट तथा जून में 95° फारेनहाइट रहता है। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा 81.3 सेमी है। जिले की प्रमुख फसल गेहूँ है। इसके अतिरिक्त जौ, बाजरा, चना, अरहर और दलहन अन्य फसलें हैं। अब कुछ क्षेत्रों में धान, मक्का और ज्वार की खेती भी होने लगी है। पोस्ता दूसरी महत्वपूर्ण फसल है।
2. नगर, स्थिति : 37° 26' उ. अ. तथा 80° 15' पू. दे.। यह नगर उपर्युक्त जनपद का प्रशासनिक केंद्र तथा राज्य की प्रमुख अनाज मंडियों में से एक है। यह लखनऊ से 63 मील उत्तर पूर्व तथा रेलमार्ग पर स्थित है। नगर में शोरा बनाने के दो कारखाने हैं। अनाज और शौरा यहाँ से बाहर जाता है। यहाँ लकड़ी पर खुदाई का काम होता है। नगर में कई शिक्षण संस्थाएँ हैं। यहाँ की जनसंख्या 36,725 (1961) है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ