महाभारत द्रोण पर्व अध्याय 66 श्लोक 1-21

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षट्षष्टितम (66) अध्याय: द्रोण पर्व ( अभिमन्‍युपर्व )

महाभारत: द्रोण पर्व:षट्षष्टितम अध्याय: श्लोक का हिन्दी अनुवाद

राजा गय का चरित्र नारद जी कहते हैं – सृंजय ! राजा अमूतर्तरय के पुत्र गय की भी मृत्‍यु सुनी गयी है । राजा गय ने सौ वर्षों तक नियमपूर्वक अग्निहोत्र करके होमा‍वशिष्‍ट अन्‍न का ही भोजन किया । इससे प्रसन्‍न होकर अग्निदेव ने उन्‍हें वर देने की इच्‍छा प्रकट की (अग्निदेव की आ