अजमेरी भाषा

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:०८, १४ जून २०१४ का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
अजमेरी भाषा
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 82
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक मोहनलाल तिवारी ।

अजमेरी हिंदी की पश्चिमी शाखा की एक बोली मारवाड़ी का ही एक विभेद है। प्राचीन रियासत अजमेर मेरवाड़ा के पूर्वी भाग की बोली को ढ़ँढारी भी कहा जाता है। सन्‌ 1950 ई. तक एक पृथक (ग) वर्ग का राज्य होने के कारण अजमेर की राजनीतिक पृथकता से एक पृथक्‌ भाषा की कल्पना की जाती थी। इसकी पृथकता के जनक जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन थे। वास्तव में अजमेरी बोली मारवाड़ी से पृथक्‌ कुछ नहीं है। आधुनिक औद्योगिकरण के प्रभाव से यह बोली खड़ीबोली से अत्यधिक प्रभावित होती जा रही है।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध



टीका टिप्पणी और संदर्भ