"किलिमंजारो पर्वत" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (Text replace - "०" to "0")
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
*किलिमंजारो पर्वत पूर्वी अफ्रीका के टंगान्यिका में मोंबासा पत्तन <ref>स्थिति 3.5 द. अक्षांश तथा 37.23 पू. देशांतर </ref>है।  
 
*किलिमंजारो पर्वत पूर्वी अफ्रीका के टंगान्यिका में मोंबासा पत्तन <ref>स्थिति 3.5 द. अक्षांश तथा 37.23 पू. देशांतर </ref>है।  
 
*इसकी प्रधान अक्षरेखा पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है।  
 
*इसकी प्रधान अक्षरेखा पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है।  

१४:०६, १२ फ़रवरी २०१४ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • किलिमंजारो पर्वत पूर्वी अफ्रीका के टंगान्यिका में मोंबासा पत्तन [१]है।
  • इसकी प्रधान अक्षरेखा पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है।
  • इस पर्वतांचल में एक दूसरे से सात मील के अंतर पर स्थित दो ऊँचे शिखर हैं।
  • पश्चिम में स्थित किबो (19,321 फुट) तथा पुर्व में स्थित मावेंजी (16,892 फुट)।
  • किबो अफ्रीका के ज्ञात शिखरों में सर्वोच्च है।
  • किबो शिखर की लाबा चट्टानों से निर्मित ढालों पर लगभग 200 फुट तक किम की श्वेत पट्टी पड़ी हुई है, जिसमें से कहीं-कही नालों के द्वारा हिमानियाँ प्रवाहित होती हैं।
  • किलिमंजारों पर्वत पर पर्वत सुलभ पट्टियाँ मिलती है।
  • लगभग 6,500 से 9,500 फुट ऊँचाई तक वनप्रांत फैला हुआ है, जिसके ऊपर 12,700 फुट तक फूलोंवाले उच्च्पर्वतीय पौधे उगते हैं।
  • दक्षिणी ढालों पर 4,000 और 6,000 फुट के मध्य घना बसा हुआ चांगा का क्षेत्र स्थित है, जिसमें कहवा, मक्का तथा केला उगाया जाता है।
  • जोहैनीज रेबमैन नामक धर्मप्रचारक ने 1848 ई0 में किलिमुजारों पर्वत का पता लगाया।
  • सन्‌ 1889 में डॉक्टर हांस मेयर ने इसपर चढ़ने का सफल अभियान किया।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्थिति 3.5 द. अक्षांश तथा 37.23 पू. देशांतर