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*कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार गुप्तवंशीय नरसिंहगुप्त का पुत्र और विष्णुगिप्त का पिता। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त (द्वितीय) कहा जाता रहा। किंतु हाल में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
 
*कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार गुप्तवंशीय नरसिंहगुप्त का पुत्र और विष्णुगिप्त का पिता। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त (द्वितीय) कहा जाता रहा। किंतु हाल में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
 
*इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्तवंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।
 
*इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्तवंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।

१३:४३, २२ सितम्बर २०१४ के समय का अवतरण

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  • कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार गुप्तवंशीय नरसिंहगुप्त का पुत्र और विष्णुगिप्त का पिता। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त (द्वितीय) कहा जाता रहा। किंतु हाल में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
  • इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्तवंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।

टीका टिप्पणी और संदर्भ