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*गैदार (मूल नाम- गोलिकोव अर्कादी पेत्रोविच (-2-1९०4-26-1०-1९41) रूसी लेखक।  
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*गैदार 14 वर्ष की आयु में लाल सेना में स्वयंसेवक बनकर आए। 1७ वर्ष की आयु में रेजिमेंट के कमांडर हुए। अस्वस्थता के कारण<ref>1९24</ref> में सेना से छुट्टी मिली और साहित्यिक कार्य प्रारंभ किया।  
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*गैदार (मूल नाम- गोलिकोव अर्कादी पेत्रोविच (9-2-1904-26-10-1941) रूसी लेखक।  
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*गैदार 14 वर्ष की आयु में लाल सेना में स्वयंसेवक बनकर आए। 17 वर्ष की आयु में रेजिमेंट के कमांडर हुए। अस्वस्थता के कारण<ref>1924</ref> में सेना से छुट्टी मिली और साहित्यिक कार्य प्रारंभ किया।  
 
*महान्‌ देशभक्तिपूर्ण युद्ध के समय गैदार मोर्चों पर गए वहीं फासिस्टों ने उन्हें मार डाला। गैदार ने किशोरोपयोगी साहित्य को बड़ी देन दी।  
 
*महान्‌ देशभक्तिपूर्ण युद्ध के समय गैदार मोर्चों पर गए वहीं फासिस्टों ने उन्हें मार डाला। गैदार ने किशोरोपयोगी साहित्य को बड़ी देन दी।  
*गैदार के अनेक उपन्यास और कहानियाँ हैं, जिनमें मुख्य स्कूल<ref>1९3०</ref> दूरवर्ती देश <ref>1९32 </ref>सैनिक रहस्य <ref>1९35</ref> नीला प्याला <ref>1९36 </ref>चुक और गेक<ref>1९35 </ref>तिमूर और उसका दल <ref>1९4०</ref> हैं।  
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*गैदार के अनेक उपन्यास और कहानियाँ हैं, जिनमें मुख्य स्कूल<ref>1930</ref> दूरवर्ती देश <ref>1932 </ref>सैनिक रहस्य <ref>1935</ref> नीला प्याला <ref>1936 </ref>चुक और गेक<ref>1935 </ref>तिमूर और उसका दल <ref>1940</ref> हैं।  
 
*गैदार की कृतियों में मैत्री, साहस तथा देशभक्ति की भावनाएं परिपूर्ण हैं जिनके कारण ये रचनाएँ अति लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर अनेक फिल्में भी बनी हैं। अनेक भाषाओं में, जिनमें हिन्दी भी सम्मिलित है, गैदार की कृतियाँ अनूदित हैं।  
 
*गैदार की कृतियों में मैत्री, साहस तथा देशभक्ति की भावनाएं परिपूर्ण हैं जिनके कारण ये रचनाएँ अति लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर अनेक फिल्में भी बनी हैं। अनेक भाषाओं में, जिनमें हिन्दी भी सम्मिलित है, गैदार की कृतियाँ अनूदित हैं।  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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१२:५७, ९ जनवरी २०१४ के समय का अवतरण

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  • गैदार (मूल नाम- गोलिकोव अर्कादी पेत्रोविच (9-2-1904-26-10-1941) रूसी लेखक।
  • गैदार 14 वर्ष की आयु में लाल सेना में स्वयंसेवक बनकर आए। 17 वर्ष की आयु में रेजिमेंट के कमांडर हुए। अस्वस्थता के कारण[१] में सेना से छुट्टी मिली और साहित्यिक कार्य प्रारंभ किया।
  • महान्‌ देशभक्तिपूर्ण युद्ध के समय गैदार मोर्चों पर गए वहीं फासिस्टों ने उन्हें मार डाला। गैदार ने किशोरोपयोगी साहित्य को बड़ी देन दी।
  • गैदार के अनेक उपन्यास और कहानियाँ हैं, जिनमें मुख्य स्कूल[२] दूरवर्ती देश [३]सैनिक रहस्य [४] नीला प्याला [५]चुक और गेक[६]तिमूर और उसका दल [७] हैं।
  • गैदार की कृतियों में मैत्री, साहस तथा देशभक्ति की भावनाएं परिपूर्ण हैं जिनके कारण ये रचनाएँ अति लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर अनेक फिल्में भी बनी हैं। अनेक भाषाओं में, जिनमें हिन्दी भी सम्मिलित है, गैदार की कृतियाँ अनूदित हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1924
  2. 1930
  3. 1932
  4. 1935
  5. 1936
  6. 1935
  7. 1940