ग्वादूर

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  • ग्वादर (Gwadar) यह बलूचिस्तान[१] में कराची से लगभग २९० मील पश्चिम ओमान की खाड़ी एवं मकरान समुद्रतट पर अवस्थित एक छोटा सा कस्बा तथा पत्तन है।
  • माध्यमिक काल में इसका बहुत महत्व था और ईरान की खाड़ी तथा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों के व्यापारिक जहाज यहाँ रुकते थे।
  • इस महत्वपूर्ण स्थिति के कारण ही १५८१ ई. पुर्तगाली लुटेरे नाविको ने इसपर आक्रमण किया और नगर में आग लगा दी तथा लूटपाट की। १७वीं सदी के अंत में इस पर कलात के खान का आधिपत्य हुआ। १८वीं सदी के उत्तरार्ध में कलात के खान नसीर खां प्रथम ने इसे तथा पास की लगभग ३०० वर्ग मील भूमि मस्कत के सुल्तान के भाई को आजीविका के लिये दे दी।
  • पाकिस्तान का निर्मण होने पर ग्वादर पत्तन तथा ओमान की खाड़ी के उत्तर का कुछ क्षेत्र पाकिस्तान के अधिकार में आ गया है।
  • ग्वादर के अधिकांश निवासी मछुए हैं, जो 'मेद' कहलाते हैं।
  • यहाँ का व्यापार खोजा मुसलमानों, जिन्हें 'लोटिया' कहते हैं, तथा हिंदू गुजरातियों के हाथ में है।
  • कराची तथा बंबई-बसरा-मार्ग पर चलनेवाले जहाज यहाँ ठहरते हैं।
  • कस्बे के पास ही पहाड़ी पर पत्थर से बना हुआ सुंदर बाँध है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पश्चिमी पाकिस्तान