"घातक्रिया" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('*घातक्रिया (Involution, इनवॉल्यूशन) अंकगणित की एक क्रिया है, ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
*घातक्रिया (Involution, इनवॉल्यूशन) अंकगणित की एक क्रिया है, जिसमें किसी संख्या को लगातार अपने से दो या अधिक बार गुणा किया जाता है।  
 
*घातक्रिया (Involution, इनवॉल्यूशन) अंकगणित की एक क्रिया है, जिसमें किसी संख्या को लगातार अपने से दो या अधिक बार गुणा किया जाता है।  
 
*जितने बार गुणा किया जाता है, वह उस संख्या का धात कहलाता है।  
 
*जितने बार गुणा किया जाता है, वह उस संख्या का धात कहलाता है।  

११:२८, १ अगस्त २०१५ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • घातक्रिया (Involution, इनवॉल्यूशन) अंकगणित की एक क्रिया है, जिसमें किसी संख्या को लगातार अपने से दो या अधिक बार गुणा किया जाता है।
  • जितने बार गुणा किया जाता है, वह उस संख्या का धात कहलाता है।
  • घात को संख्या के ऊपर दाहिनी ओर थोड़ा हटाकर लिखा जाता है; इस प्रकर ३४ = ८१। घात-संकेत के आविष्कार के पहले युनानी द्वितीयघात को चतुष्कोण संख्या अथवा घात कहते थे। डायोफ़ैंटस ने २७५ ई. के लगभग तृतीय घात को घन कहा, चतुर्थ घात को घातघात और पंचमधात को घातधन, इत्यादि।
  • इस नामावली में घातों को जोड़ने का नियम बरता गया है।
  • घात क्रिया मूल क्रिया का विलोम है। मूल क्रिया में संख्या का कोई मूल ज्ञात किया जाता है।
  • प्रक्षेप ज्यामिति में घात क्रिया एक ऋजुरेखा पर स्थित बिंदुओं में, अथवा एक पट-सूची (flat pencil) की रेखाओं में, अथवा समाक्षी सूची (axial pencil) के समतलों आदि में, विशेषप्रकार का एक संबंध है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ