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तोता पक्षियों के सिटैसी (Psittaci) गण के सिटैसिडी (Psittacidae) कुल का पक्षी है, जो गरम देशों का निवासी है। यह बहुत सुंदर पक्षी है और मनुष्यों की बोली की नकल बखूबी कर लेता है। यह सिलीबीज द्वीप से सालोमन द्वीप तक के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी कई जातियाँ हैं। लेकिन इनमें हरा तोता (Ring Necked Parakett), जो अफ्रीका में गैंबिया के मुहाने (mouth of Gambia) से लेकर, लालसागर होता हुआ भारत, बरमा और टेनासरिम (Tenasserim) तक फैला हुआ है, सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह हरे रंग का १०-१२ इंच लंबा पक्षी है, जिसके गले पर लाल कंठा होता है। तोते को मनुष्यों ने संभवत: सबसे पहले पालतू किया और आज तक ये शौक के साधन बने हुए हैं।
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तोता पक्षियों के सिटैसी (Psittaci) गण के सिटैसिडी (Psittacidae) कुल का पक्षी है, जो गरम देशों का निवासी है। यह बहुत सुंदर पक्षी है और मनुष्यों की बोली की नकल बखूबी कर लेता है। यह सिलीबीज द्वीप से सालोमन द्वीप तक के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी कई जातियाँ हैं। लेकिन इनमें हरा तोता (Ring Necked Parakett), जो अफ्रीका में गैंबिया के मुहाने (mouth of Gambia) से लेकर, लालसागर होता हुआ भारत, बरमा और टेनासरिम (Tenasserim) तक फैला हुआ है, सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह हरे रंग का 10-12 इंच लंबा पक्षी है, जिसके गले पर लाल कंठा होता है। तोते को मनुष्यों ने संभवत: सबसे पहले पालतू किया और आज तक ये शौक के साधन बने हुए हैं।
  
 
तोते के मुख्य निवास स्थान आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड हैं, जहाँ के अनेक प्रकार के रंगीन तोते प्रति वर्ष पकड़कर विदेशों में भेजे जाते हैं। इनमें काकातुआ और मैकॉ (Macaw) आदि बड़े कद के सुंदर तथा रंगीन एवं बजरीका, रोज़ेला और काकाटील छोटे कद के होते हैं।
 
तोते के मुख्य निवास स्थान आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड हैं, जहाँ के अनेक प्रकार के रंगीन तोते प्रति वर्ष पकड़कर विदेशों में भेजे जाते हैं। इनमें काकातुआ और मैकॉ (Macaw) आदि बड़े कद के सुंदर तथा रंगीन एवं बजरीका, रोज़ेला और काकाटील छोटे कद के होते हैं।
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तोते की बोली कड़ी और कर्कश होती है, लेकिन इनमें से कुछ सिखाए जाने पर मनुष्यों की बोली की हूबहू नकल कर लेते हैं। इसके लिये अफ्रीका का स्लेटी तोता (Psittorcu erithacus) सबसे प्रसिद्ध है।
 
तोते की बोली कड़ी और कर्कश होती है, लेकिन इनमें से कुछ सिखाए जाने पर मनुष्यों की बोली की हूबहू नकल कर लेते हैं। इसके लिये अफ्रीका का स्लेटी तोता (Psittorcu erithacus) सबसे प्रसिद्ध है।
  
तोता एकपत्न्व्रीाती पक्षी है। इसकी मादा पेड़ के कोटर या तनों में सुराख काटकर से १२ तक सफेद अंडे देती है। [सुरेश सिंह]
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तोता एकपत्न्व्रीाती पक्षी है। इसकी मादा पेड़ के कोटर या तनों में सुराख काटकर 1 से 12 तक सफेद अंडे देती है।  
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

०६:२९, २२ जुलाई २०१५ के समय का अवतरण

लेख सूचना
तोता
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5
पृष्ठ संख्या 429
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक राम प्रसाद त्रिपाठी
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक सुरेश सिंह


तोता पक्षियों के सिटैसी (Psittaci) गण के सिटैसिडी (Psittacidae) कुल का पक्षी है, जो गरम देशों का निवासी है। यह बहुत सुंदर पक्षी है और मनुष्यों की बोली की नकल बखूबी कर लेता है। यह सिलीबीज द्वीप से सालोमन द्वीप तक के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी कई जातियाँ हैं। लेकिन इनमें हरा तोता (Ring Necked Parakett), जो अफ्रीका में गैंबिया के मुहाने (mouth of Gambia) से लेकर, लालसागर होता हुआ भारत, बरमा और टेनासरिम (Tenasserim) तक फैला हुआ है, सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह हरे रंग का 10-12 इंच लंबा पक्षी है, जिसके गले पर लाल कंठा होता है। तोते को मनुष्यों ने संभवत: सबसे पहले पालतू किया और आज तक ये शौक के साधन बने हुए हैं।

तोते के मुख्य निवास स्थान आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड हैं, जहाँ के अनेक प्रकार के रंगीन तोते प्रति वर्ष पकड़कर विदेशों में भेजे जाते हैं। इनमें काकातुआ और मैकॉ (Macaw) आदि बड़े कद के सुंदर तथा रंगीन एवं बजरीका, रोज़ेला और काकाटील छोटे कद के होते हैं।

काकातुआ सफेद और मैकॉ नीले रंग का होता है। बजरीका नीले, पीले, हरे सभी रंग के चित्तीदार होते हैं, जो देखने में बहुत सुंदर लगते हैं। रोज़ेला भी कम सुंदर नहीं होता। इसका सिर लाल, सीना पीला और डैना तथा दुम नीली रहती है। काकाटील का शरीर ऊदा और सफेद तथा सिर पीला रहता है। हमारे देश में भी तोतों की परबत्ता, ढ़ेलहरा, टुइयाँ, मदनगोर आदि कई जातियाँ हैं, लेकिन ये सब प्राय: हरे रंग की होती हैं।

तोते झुंड में रहनेवाले पक्षी हैं, जिनके नर मादा एक जैसे होते हैं। इनकी उड़ान नीची और लहरदार, लेकिन तेज होती है। इनका मुख्य भोजन फल और तरकारी है, जिसे ये अपने पंजों से पकड़कर खाते रहते हैं। यह पक्षियों के लिये अनोखी बात है।

तोते की बोली कड़ी और कर्कश होती है, लेकिन इनमें से कुछ सिखाए जाने पर मनुष्यों की बोली की हूबहू नकल कर लेते हैं। इसके लिये अफ्रीका का स्लेटी तोता (Psittorcu erithacus) सबसे प्रसिद्ध है।

तोता एकपत्न्व्रीाती पक्षी है। इसकी मादा पेड़ के कोटर या तनों में सुराख काटकर 1 से 12 तक सफेद अंडे देती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ