बॉक्साइट

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चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह पत्थर सर्वप्रथम फ्रांस में लैस बौक्स के निकट मिला था। इसी आधार पर इस खनिज का नाम बॉक्साइट पड़ा। इसी खनिज से विश्व का अधिकांश ऐल्यूमिनियम निकाला जाता है। इसका रंग सफेद या भूरा होता है। सामान्यत: इसमें लोहे का अंश विद्यमान रहता है। लोहे की मात्रा पर निर्भर इसका रंग गुलाबी या लाल होता है। खदान से निकलने पर यह इतना मुलायम होता है कि हाथ से टूट जाता है, पर वायुमंडल के संपर्क में आने पर इसकी कठोरता बढ़ जाती है। इसकी आकृति मटर के दानों के समान होती है, अत: इसको पहचानने में कभी कठिनाई नहीं होती। इसका आपेक्षिक घनत्व २.० से २.६ तक है।

बॉक्साइट का निर्माण पृथ्वी की सतह पर, या उसके निकट मिट्टी तथा ऐल्यूमिनियम धनी, आग्नेय शिलाओं के विधटन से होता है। बॉक्साइट पठारों के ऊपरी भागों में, पटलाकार पहाड़ियों में तथा चूने की शिलाओं में अनियमित समुदायों में मिलता है। भारत में इसके निक्षेप बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, मद्रास तथा कश्मीर में हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ