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*शंबुक, शंबूक पौराणिक कथा के अनुसार एक शूद्र जिसने देवत्व एवं स्वर्गप्राप्ति के लिए विंध्याचल के अंगभूत शैवल नामक पर्वत पर घोर तप किया था। किंतु शूद्रधर्म त्याग कर तप करने से एक ब्राह्मणपुत्र की असामयिक मृत्य हो गई। अत: रामचंद्र ने उसका वध किया; तब ब्राह्मणपुत्र जीवित हो गया।<ref> (वा. श., उ., ७५; महा. शां. 1४९-६२)</ref>
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*शंबुक, शंबूक पौराणिक कथा के अनुसार एक शूद्र जिसने देवत्व एवं स्वर्गप्राप्ति के लिए विंध्याचल के अंगभूत शैवल नामक पर्वत पर घोर तप किया था। किंतु शूद्रधर्म त्याग कर तप करने से एक ब्राह्मणपुत्र की असामयिक मृत्य हो गई। अत: रामचंद्र ने उसका वध किया; तब ब्राह्मणपुत्र जीवित हो गया।<ref> (वा. श., उ., ७५; महा. शां. 1४९-६2)</ref>
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

०७:२८, १४ अगस्त २०११ का अवतरण

  • शंबुक, शंबूक पौराणिक कथा के अनुसार एक शूद्र जिसने देवत्व एवं स्वर्गप्राप्ति के लिए विंध्याचल के अंगभूत शैवल नामक पर्वत पर घोर तप किया था। किंतु शूद्रधर्म त्याग कर तप करने से एक ब्राह्मणपुत्र की असामयिक मृत्य हो गई। अत: रामचंद्र ने उसका वध किया; तब ब्राह्मणपुत्र जीवित हो गया।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (वा. श., उ., ७५; महा. शां. 1४९-६2)