"शकुंतला" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (Text replace - "०" to "0")
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 +
 
* मेनका से उत्पन्न विश्वामित्र की कन्या जिसे कण्व ने वन में पाया था। कण्व ने इसे पाला पोसा और आश्रम में अपनी कन्या की भाँति रखा जिससे यह प्राय: उन्हीं की पुत्री समझी जाती है।  
 
* मेनका से उत्पन्न विश्वामित्र की कन्या जिसे कण्व ने वन में पाया था। कण्व ने इसे पाला पोसा और आश्रम में अपनी कन्या की भाँति रखा जिससे यह प्राय: उन्हीं की पुत्री समझी जाती है।  
 
* शकुंतला के ही पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है। दुष्यंत एवं शकुंतला की प्रेमकथा कालिदास के प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' में लिखी गई है।  
 
* शकुंतला के ही पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है। दुष्यंत एवं शकुंतला की प्रेमकथा कालिदास के प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' में लिखी गई है।  

१३:१५, २५ अगस्त २०१४ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • मेनका से उत्पन्न विश्वामित्र की कन्या जिसे कण्व ने वन में पाया था। कण्व ने इसे पाला पोसा और आश्रम में अपनी कन्या की भाँति रखा जिससे यह प्राय: उन्हीं की पुत्री समझी जाती है।
  • शकुंतला के ही पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है। दुष्यंत एवं शकुंतला की प्रेमकथा कालिदास के प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' में लिखी गई है।
  • कालिदास के नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का अनुवाद अंग्रेज़ी में आज से 100 वर्ष पूर्व हुआ। फिर तो इसके अनुवाद सभी यूरोपीय भाषाओं में प्रकाशित हुए और अनेक देशों में इसका सफल अभिनय भी किया गया।

टीका टिप्पणी और संदर्भ