"श्रेणी:साहित्य" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) (डा. श्रीप्रसाद जी की मनमोहक बाल कविता। आप भी गुनगुनाएँ।) |
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) (** द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की यह बाल कविता आप भी बुदबुदाइए !!!) |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | + | ** द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की यह बाल कविता आप भी बुदबुदाइए !!! | |
+ | ......................... | ||
− | + | कौन सिखाता है चिड़ियों को चीं-चीं, चीं-चीं करना? | |
− | + | कौन सिखाता फुदक-फुदक कर उनको चलना फिरना? | |
− | |||
− | |||
− | + | कौन सिखाता फुर से उड़ना दाने चुग-चुग खाना? | |
− | + | कौन सिखाता तिनके ला-ला कर घोंसले बनाना? | |
− | |||
− | |||
− | + | कौन सिखाता है बच्चों का लालन-पालन उनको? | |
− | + | माँ का प्यार, दुलार, चौकसी कौन सिखाता उनको? | |
− | + | ||
− | + | कुदरत का यह खेल, वही हम सबको, सब कुछ देती। | |
+ | किन्तु नहीं बदले में हमसे वह कुछ भी है लेती। | ||
+ | |||
+ | हम सब उसके अंश कि जैसे तरू-पशु–पक्षी सारे। | ||
+ | हम सब उसके वंशज जैसे सूरज-चांद-सितारे। |
१२:३३, ६ अगस्त २०१३ का अवतरण
- द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की यह बाल कविता आप भी बुदबुदाइए !!!
.........................
कौन सिखाता है चिड़ियों को चीं-चीं, चीं-चीं करना? कौन सिखाता फुदक-फुदक कर उनको चलना फिरना?
कौन सिखाता फुर से उड़ना दाने चुग-चुग खाना? कौन सिखाता तिनके ला-ला कर घोंसले बनाना?
कौन सिखाता है बच्चों का लालन-पालन उनको? माँ का प्यार, दुलार, चौकसी कौन सिखाता उनको?
कुदरत का यह खेल, वही हम सबको, सब कुछ देती। किन्तु नहीं बदले में हमसे वह कुछ भी है लेती।
हम सब उसके अंश कि जैसे तरू-पशु–पक्षी सारे। हम सब उसके वंशज जैसे सूरज-चांद-सितारे।
उपश्रेणियाँ
इस श्रेणी की कुल २४ में से २४ उपश्रेणियाँ निम्नलिखित हैं।
अ
इ
ग
न
प
ब
म
ल
व
स
ह
"साहित्य" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित ३९ पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ ३९