अकेलास ठोस

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लेख सूचना
अकेलास ठोस
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 67
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक निहाल सिंह्।

अकेलास ठोस (एमोर्फस सॉलिड) उन पदार्थों को कहते हैं जो गरम करने पर क्रमश नरम हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी श्यानता (विस्कोसिटी) इतनी कम हो जाती है कि वे चल्य (मोबाइल) बनकर द्रव में परिवर्तित हो जाते हैं। इन पदार्थों का कोई निश्चित गलनांक नहीं होता। ये पदार्थ ठीक-ठीक ठोस की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते। इसलिए इनकी अत्यधिक श्यानता वाले अतिशीतलित (सुपरकूल्ड) द्रव भी कहा जाता है। काँच, मोम, वसा, अलकतरा (डामर) आदि अकेलास ठोस में से हैं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ