अनंतवर्मन
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अनंतवर्मन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 106 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | भगवतीशरण उपाध्याय। |
अनंतवर्मन चोड गंग कलिंग के गंग राजकुल का प्रधान नरेश था। उसने अपने कुल का यश दूर-दूर तक फैलाया। उसकी माता राजसुंदरी चोडनरेश राजेंद्र चोड की कन्या थी। अनंतवर्मन् ने संभवत: 1077 से 1147 ई. तक, लगभग 70 वर्ष, राज्य किया। उसने उत्कलों को जीतकर गोदावरी और गंगा के बीच के देशों से कर वसूल किया, परंतु पालनरेश रामपाल के सामने संभवत: उसे एक बार झुकना पड़ा। अनंतवर्मन् ने ही पुरी के विख्यात जगन्नाथ जी के मंदिर का निर्माण कराया था, जो, यद्यपि कला की दृष्टि से तो विशेष महत्वपूर्ण नहीं है, तथापि भारत के आज के समृद्धतम मंदिरों में से है। सेनराज विजयसेन ने उसके पुत्रों के समय कलिंग पर आक्रमण किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ