आमूर

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लेख सूचना
आमूर
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 394
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री शिवमंगल सिंह

1. आमूर उत्तर पूर्वी एशिया की एक नदी तथा एक प्रदेश का नाम। इस नदी की उत्पत्ति साइबेरिया की नदी शिल्का तथा मंचूरिया की नदी अर्गुन के 53° उ.अ. तथा 121° पू.दे. पर मिलने से होती है। 1770 मील लंबी यह नदी सखालीन द्वीप के सामने तार्तार जलडमरूमध्य में गिरती है। अपनी 200 सहायक नदियों के साथ 7,10,000 वर्ग मील की वर्षा को लेती हुई यह नदी विश्व की 10 वीं तथा सोवियत रूस की चौथी सबसे बड़ी नदी है। चीनी इसे काली राक्षसी कहते हैं। इसके किनारे पर निराली प्राकृतिक छटावाले वन, पर्वत,घास के मैदान तथा दलदल हैं। वसंत ऋतु में हिम पिघलने के कारण आमूर में बाढ़ आ जाती है और संपूर्ण नदी नौकावहन योग्य होकर, सुदूरपूर्व सोवियत भूमि के यातायात का प्रमुख साधन बन जाती है। अनाज, नमक एवं औद्योगिक वस्तुएँ मुहाने की ओर तथा मछली एवं लकड़ी उद्गम की ओर जाती हैं। सुंगरो तथा उसूरी आमूर की मुख्य सहायक नदियाँ हैं।

2. आमूर प्रदेश की जनसंख्या सन्‌ 1970 ई. में 20,50,000 थी। इस प्रदेश में आमूर दलदल एवं वन्य अर्धऊसर (स्टेप) हैं। यहाँ शरद ऋतु में शीत तथा ग्रीष्म में गर्मी एवं वर्षा होती है। यहाँ के मैदान कृषि एवं चरागाहों के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं। अनाज, सोयाबीन, सन फ्लावर तथा आलू आमूर प्रदेश के मुख्य कृषि उत्पादन हैं। सोने तथा कोयले की खुदाई, आखेट, मछली मारना तथा लकड़ी का काम, यहाँ के मुख्य उद्योग हैं। ट्रांससाइबेरियन रेलवे आमूर प्रदेश से होकर जाती है। ब्लागोवेशचेंस्क यहाँ की राजधानी हैं।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सत्यप्रकाश सिंह