इवान अलेक्सँद्रोविच गोंचारोव
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
इवान अलेक्सँद्रोविच गोंचारोव
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 10 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | प्यौत्र कलेक्सीविच बाराकिन्नकोव |
गोंचारोब, इवान अलेक्सँद्रोविच प्रसिद्ध रूसी लेखक। जन्मसिंबिर्स्क में, मृत्यु पेतेर्बुर्ग में। मॉस्को विश्वविद्यालय के सहित्य विभाग में शिक्षा प्राप्त की। साहित्यिक कार्य का आरंभ 1835 में हुआ। समुद्री जहाज से भ्रमण करने पर गोंचारोव ने 'जहाज पल्लादा' नामक यात्रा साहित्य की प्रसिद्ध कृति लिखी। गोंचारोव ने तीन विख्यात उपन्यास लिखे - 'मामूली कहानी' (1847), 'ओब्लोमोव' (1859) और 'खड़ी चट्टान' 1869। इन कृतियों में तत्कालीन रूस के वर्णन हैं: समाज के दो पहलुओं के प्रतिनिधियों आलसी राजदरबारी जमींदारों और सक्रिय पूँजीवादियों के प्रतिबिंब हैं। उपन्यासों के नारी पात्रों में तत्कालीन रूसी समाज के प्रगतिशील विचारों का सजीव चित्रण मिलता है। गोंचारोव ने अनेक आलोचनात्मक कृतियाँ भी लिखीं जो ग्रिबोएदोव, बेलिंस्की आदि रूसी लेखकों से संबंधित हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ