एरिथ्र
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एरिथ्र
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 247 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्यामसुंदर शर्मा |
एर्थ्राि तुर्की के प्राचीन आयोनियन (Ionian) नगरों में से एक है। यह नगर एर्थ्राि की खाड़ी में एक छोटे से प्रायद्वीप पर स्थित है। यह मीमास तथा कोरेकस पर्वतों से समान दूरी पर, किआस द्वीप के ठीक सामने बसा हुआ है। इस प्रायद्वीप में अति उत्तम स्तर की मदिरा बनाई जाती है। कहा जाता है, इस नगर की स्थापना कीडरुस के पुत्र नोपोस (Knopos) की अधीनता में आयोनियनों द्वारा की गई थी। काफी समय तक एर्थ्राि वासियों ने ग्रीस के एथेंस नगरराज्य को अपने अधीन रखा, किंतु पेलोपोनेशियन युद्ध में उनसे हार गए। नगर के खँडहरों में अभी तक ग्रीक ढंग की बुर्जोवाली दीवारें देखने योग्य हैं। इनमें से पाँच बुर्ज अभी तक बने हुए हैं। अक्रोपोलिस, 280 फुट की ऊँचाई पर बने दुर्ग की पहाड़ी की उत्तरी ढाल पर एक मंच बना हुआ है, तथा पूर्व की ओर बहुत से बीजांतीनी (रोमन) भवनों के खँडहर पड़े हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ