खँजड़ी

अद्‌भुत भारत की खोज
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लेख सूचना
खँजड़ी
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 280
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमेवरीलाल गुप्त

खँजड़ी डफ के ढंग का एक छोटा वाद्य यंत्र जो दो ढाई इंच चौड़े काठ की बनी गोलाकार परिधि के एक ओर चमड़े से मढ़ा होता है। उसकी दूसरी ओर खुला रहता है। इसे एक हाथ में पकड़कर दूसरे हाथ से थाप देकर बजाया जाता है। कुछ में लोग गोलाकार परिधि में धातु के बने चार-पाँच गोलाकार टुकड़े लगा लेते हैं जो झाँझ की तरह थाप के साथ स्वत: झंकार उठते हैं। इस वाद्य का प्रयोग मुख्यत: गीत गाकर भीख माँगने वाले भिखारी अथवा लोकगीत गायक तथा साधु भजन गाने के लिए करते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ