जान सिंगिल्टन कोप्ले
जान सिंगिल्टन कोप्ले
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 160 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | पद्मा उपाध्याय |
जान सिंगिल्टन कोप्ले (1737-1815 ई.) उपनिवेशकल का प्रसिद्ध अमरीकी व्यक्तिचित्र (पोट्रे) शिल्पी। शैशवकाल में ही उसके पिता का देहांत हो गया और माता ने बोस्टन के एक अंग्रेज धातुचित्रकार से विवाह कर लिया। 15 साल की आयु में ही वह पोर्ट्रट चित्रण में दक्ष हो गया और उसके शिल्प की प्रवीणता तथा रेखाओं की शक्ति आरंभ में ही लक्षित होने लगी। 1760 तक, 23 साल की अवस्था में ही, वह अमरीका के व्यक्ति चित्रकारों में अद्वितीय माना जाने लगा। 1774 में वह इंग्लैड पहुँचा और अगले साल इटली की यात्रा कर वहाँ के चित्राचार्यो की चित्रकृतियों की प्रतिलिपियाँ प्रस्तुत की। पर उसका इंग्लैड का जीवन सुखी न हो सका। उसकी कलाख्याति, जीवनशक्ति सभी क्षीण हो चली और उसके अंतिम दिन अत्यंत कष्ट और चिंता में बीते। उसके सुंदरतम चित्र हैं-नथेनियल हर्ड, मिसेज टामस बोइल्स्टन, गवर्नर तथा मिसेज मिफ्लन।
टीका टिप्पणी और संदर्भ