दुर्जनसाल

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लेख सूचना
दुर्जनसाल
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 9
पृष्ठ संख्या 81
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक फूलदेवसहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1966 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी

दुर्जनसाल कोटा(राजस्थान) के राजा भीमसिंह के तृतीय पुत्र। बड़े भाई अर्जुन सिंह के निस्संतान मर जाने पर इनमें और मझले भाई श्यामसिंह में गद्दी के लिए झगड़ा शुरू हुआ। श्यामसिंह की युद्ध में मृत्यु हो जाने पर इन्हें बड़ा दु:ख हुआ और इन्होंने संवत्‌ 1780 में बड़े आकुल हृदय से राज्यासन पर बैठना स्वीकार किया। संवत्‌ 1800 में जब अंबर नरेश ईश्वरीसिंह ने जाटों और मराठों से मित्रता कर कोटा पर आक्रमण किया तो दुर्जनसाल ने दृढ़ता से उनका मुकाबिला किया। ईश्वरीसिंह को असफल होकर वापस लौट जाना पड़ा। इन्होंने पुरानी शत्रुता भुलाकर उम्मेदसिंह को बूँदी राज्य के सिंहासन पर आरूढ़ कराने का प्रयत्न किया। बाद में संवत्‌ 1810 में जब हर और खीची जातियों में युद्ध हुआ तो उम्मेदसिंह ने दुर्जनसाल की सहायता की। तीन वर्ष बाद इस साहसी राजा की मृत्यु हो गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ