फ्रैंसिस मेरियन क्राफर्ड
फ्रैंसिस मेरियन क्राफर्ड
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 200 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
फ्रैंसिस मेरियन क्राफर्ड (1854-1909 ई.) अमरीकी लेखक। इनका जन्म 2 अगस्त, 1854 ई. को इटली में हुआ था। ये प्रख्यात अमरीकी मूर्तिकार थामस क्राफर्ड के पुत्र और प्रसिद्ध कवि जूलिया वार्ड हॉबे के भतीजे थे। इनकी शिक्षा कैंब्रिज (इंग्लैंड), हाइडलबर्ग (जर्मनी), और रोम (इटली) में हुई थी। 1870 ई. में वे भारत आए और संस्कृत का अध्ययन किया तथा इलाहाबाद से प्रकाशित हो रहे इंडियन हेरल्ड का संपादन किया। अमरीका वापस जाने पर वे एक वर्ष तक हार्बर्ड विश्वविद्यालय में संस्कृत का अध्ययन करते रहे। 1882 ई. में उन्होंने अपना पहला उपन्यास मिस्टर आइजक्स लिखा जिसमें तत्कालीन ऐंग्लोइंडियन समाज का सजीव चित्रण है और उसमें पौर्वात्य रहस्यवादिता की छाया है। इस पुस्तक के प्रकाशित होते ही वे लेखकों की पाँत में आ गए और डाक्टर क्लाडियस के 1883 ई. में प्रकाशित होने पर तो वे काफी प्रसिद्ध हो गए। उसी वर्ष वे इटली आ गए और वही स्थायी रूप से बस गए। इटली के जीवन पर उन्होंने न केवल उपन्यास ही लिखे वरन् वहाँ के इतिहास से संबद्ध कई पुस्तकें भी लिखीं। उनके प्रख्यात उपन्यास हैं----रोमन सिंगर (1884), अटेल ऑव अ लोनली पेरिश (1886), पालपैटोफर (1887), विच आफ प्राहा (1819), इन दि पैलेस ऑव दि किंग (1900), दि हवाइट सिस्टर (1909)। उनका कहना था कि उपन्यास के मनोविनोद के निमित्त जेबी रंगमंच (पाकेट स्टेज) होना चाहिए। अत: आश्चर्य नहीं, उनका ‘अ सिगरेट मेकर्स रोमांस’ (1890) रंगमंच पर प्रभावकारी सिद्ध हुआ। 1902 ई. में उन्होंने एक नाटक भी लिखा जिसे पेरिस में सारा बर्नहार्ट ने प्रस्तुत किया। 9 अप्रैल, 1909 ई. को उनका सोरेंटा में देहांत हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ