महाभारत आश्वमेधिक पर्व अध्याय 29 श्लोक 20-22

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एकोनत्रिंश (29) अध्‍याय: आश्वमेधिक पर्व (अनुगीता पर्व)

महाभारत: आश्वमेधिक पर्व: एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 20-22 का हिन्दी अनुवाद


उस समय महात्मा परशुरामजी को उनके पितामह ऋचीक आदि ने भी इसी प्रकार समझाते हुए कहा- ‘महाभाग! यह काम छोड़ दो, क्षत्रियों को न मारो’। पिता के वध को सहन न करते हुए परशुरामजी ने उन ऋषियों से इस प्रकार कहा- ‘आप लोगों को मुण्े इस काम से निवारण नहीं करना चाहिये’। पितर बोल- विजय पाने वालों में श्रेष्ठ परशुराम! बेचारे क्षत्रियों को मारना तुम्हारे योग्य नहीं है, क्योंकि तुम ब्राह्मण हो, अत: तुम्हारे हाथ से राजाओं का वध होना उचित नहीं है।

इस प्रकार श्रीमहाभारत आश्वमेधिकपर्व के अन्तर्गत अनुगीता पर्व में ब्राह्मणगीता विषयक उनतीसवाँ अध्याय पूरा हुआ।










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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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