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'''अदोनी''' आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले का एक ताल्लुक तथा नगर है। नगर 15° 38¢ उ. अक्षांश तथा 77° 17¢ पूर्वी देशांतर पर, मद्रास से 307 मील दूर, बैंगलोर से सिकंदराबाद जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है तथा गुंटकल जंकशन से रेलमार्ग द्वारा संबद्ध है। यहाँ पर 14वीं शताब्दी के विजयनगर नरेशों का एक प्रसिद्ध दुर्ग चट्टानी पहाड़ों के ऊपर स्थित है। 1568 ई. में बीजापुर के सुल्तान ने इसकी अपने अधीन कर लिया। तब से यह मुसलमानों के आधिपत्य में रहा तथा सन्‌ 1800 ई. में अंग्रेजों के अधिकार में चला गया। इस प्रसिद्ध दुर्ग के अवशेष पाँच पहाड़ियों पर स्थित हैं तथा पर्याप्त क्षेत्रफल घेरे हुए हैं। इन पाँच में से दो पहाड़ियों के नाम क्रमश बाराखिला तथा तालीबंदा है। बाराखिला के शिखर पर प्राचीन शस्त्रों के रखने का स्थान तथा एक अद्भुत शिलातोप है। इस दुर्ग के नीचे अदोनी नगर बसा हुआ है। यह एक औद्योगिक केंद्र है। कपास व्यापार, रुई से सूत तैयार करने के एवं रेशम बुनाई के कारखानों का यहाँ आधिक्य है। रंग और टिकाऊपन की दृष्टि से यहाँ से सूती कालीन प्रसिद्ध हैं। 1867 ई. में यहाँ नगरपालिका स्थापित हुई।  
'''अदोनी''' आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले का एक ताल्लुक तथा नगर है। नगर 15° 38¢ उ. अक्षांश तथा 77° 17¢ पूर्वी देशांतर पर, मद्रास से 307 मील दूर, बैंगलोर से सिकंदराबाद जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है तथा गुंटकल जंकशन से रेलमार्ग द्वारा संबद्ध है। यहाँ पर 14वीं शताब्दी के विजयनगर नरेशों का एक प्रसिद्ध दुर्ग चट्टानी पहाड़ों के ऊपर स्थित है। 1568 ई. में बीजापुर के सुल्तान ने इसकी अपने अधीन कर लिया। तब से यह मुसलमानों के आधिपत्य में रहा तथा सन्‌ 1800 ई. में अंग्रेजों के अधिकार में चला गया। इस प्रसिद्ध दुर्ग के अवशेष पाँच पहाड़ियों पर स्थित हैं तथा पर्याप्त क्षेत्रफल घेरे हुए हैं। इन पाँच में से दो पहाड़ियों के नाम क्रमश बाराखिला तथा तालीबंदा है। बाराखिला के शिखर पर प्राचीन शस्त्रों के रखने का स्थान तथा एक अद्भुत शिलातोप है। इस दुर्ग के नीचे अदोनी नगर बसा हुआ है। यह एक औद्योगिक केंद्र है। कपास व्यापार, रुई से सूत तैयार करने के एवं रेशम बुनाई के कारखानों का यहाँ आधिक्य है। रंग और टिकाऊपन की दृष्टि से यहाँ से सूती कालीन प्रसिद्ध हैं। 1867 ई. में यहाँ नगरपालिका स्थापित हुई।  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

१०:०१, २४ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

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लेख सूचना
अदोनी
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 97
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक नंदलाल।

अदोनी आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले का एक ताल्लुक तथा नगर है। नगर 15° 38¢ उ. अक्षांश तथा 77° 17¢ पूर्वी देशांतर पर, मद्रास से 307 मील दूर, बैंगलोर से सिकंदराबाद जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है तथा गुंटकल जंकशन से रेलमार्ग द्वारा संबद्ध है। यहाँ पर 14वीं शताब्दी के विजयनगर नरेशों का एक प्रसिद्ध दुर्ग चट्टानी पहाड़ों के ऊपर स्थित है। 1568 ई. में बीजापुर के सुल्तान ने इसकी अपने अधीन कर लिया। तब से यह मुसलमानों के आधिपत्य में रहा तथा सन्‌ 1800 ई. में अंग्रेजों के अधिकार में चला गया। इस प्रसिद्ध दुर्ग के अवशेष पाँच पहाड़ियों पर स्थित हैं तथा पर्याप्त क्षेत्रफल घेरे हुए हैं। इन पाँच में से दो पहाड़ियों के नाम क्रमश बाराखिला तथा तालीबंदा है। बाराखिला के शिखर पर प्राचीन शस्त्रों के रखने का स्थान तथा एक अद्भुत शिलातोप है। इस दुर्ग के नीचे अदोनी नगर बसा हुआ है। यह एक औद्योगिक केंद्र है। कपास व्यापार, रुई से सूत तैयार करने के एवं रेशम बुनाई के कारखानों का यहाँ आधिक्य है। रंग और टिकाऊपन की दृष्टि से यहाँ से सूती कालीन प्रसिद्ध हैं। 1867 ई. में यहाँ नगरपालिका स्थापित हुई।


टीका टिप्पणी और संदर्भ