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'''उछलिया''' [[महाराष्ट्र]] राज्य की एक जाति है। इस जाति के लोगों को 'भामता' या 'गॉठचोर' भी कहा जाता है। इस जाति के लोग महाराष्ट्री मिश्रित [[तेलुगु]] बोलते हैं। इसी से कुछ विद्वान इनको मूल तेलुगु प्रांत का मानते हैं। लेकिन इनके रीति रिवाज, मान्यताओं और शारीरिक बनावट से समाजशास्त्री इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि ये [[उत्तर भारत]] से आए हैं और राजपूतों की संतान हैं।
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'''उछलिया''' [[महाराष्ट्र]] राज्य की एक जाति है। इस जाति के लोगों को 'भामता' या 'गॉठचोर' भी कहा जाता है। इस जाति के लोग महाराष्ट्री मिश्रित [[तेलुगु]] बोलते हैं। इसी से कुछ विद्वान इनको मूल तेलुगु प्रांत का मानते हैं। लेकिन इनके रीति रिवाज, मान्यताओं और शारीरिक बनावट से समाजशास्त्री इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि ये [[उत्तर भारत]] से आए हैं और [[राजपूत|राजपूतों]] की संतान हैं।
  
 
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०९:१४, ४ फ़रवरी २०१४ के समय का अवतरण

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उछलिया महाराष्ट्र राज्य की एक जाति है। इस जाति के लोगों को 'भामता' या 'गॉठचोर' भी कहा जाता है। इस जाति के लोग महाराष्ट्री मिश्रित तेलुगु बोलते हैं। इसी से कुछ विद्वान इनको मूल तेलुगु प्रांत का मानते हैं। लेकिन इनके रीति रिवाज, मान्यताओं और शारीरिक बनावट से समाजशास्त्री इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि ये उत्तर भारत से आए हैं और राजपूतों की संतान हैं।

  • बरार, गुजरात और पश्चिम भारत में भी मछलिया जाति के लोग काफ़ी संख्या में मिलते हैं।
  • इस जाति के लोग विभिन्न प्रकार के रूप बनाए सैकड़ों कोस तक लोगों को ठगते घूमते रहते हैं।
  • कहीं पर भी सेंध लगाने या डाका डालने से उछलिया लोग बचते हैं, क्योंकि ऐसा करने पर इन्हें जाति से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
  • संतानोत्पत्ति पर ये सट्बाई की पूजा करते हैं और मुंडन संस्कार के समय इनके यहाँ जाति भोज देने का विधान है।
  • उछलिया जाति में 'बाल विवाह' का प्रचलन है और विवाह के समय वर पक्ष की ओर से कन्या पक्ष को 200 से 250 रुपए तक दिए जाते हैं।
  • इस जाति में दाह संस्कार के अंतर्गत मृतकों के शव को जलाया जाता है।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कैलास चन्द्र शर्मा, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 57