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१२:४९, २ अगस्त २०१४ के समय का अवतरण
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कन्नौज
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 395 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1975 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | रामलोचन सिंह |
- उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद ज़िले का एक नगर, गंगा के बाई और ग्रैंड ट्रंक सड़क से ३ कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
- किसी समय गंगा नदी इस नगर के पार्श्व से बहती थी।
- रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है।
- तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को कनोगिज़ा लिखा है।
- पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था।
- छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनष्ट हो गया था।
- चीनी यात्री युवानच्वाङ, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है।
- ११वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनष्ट हुआ।
- ११९४ ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया।
- 'आइन अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि अकबर के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था।
- प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी. व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं।
- इस नगर के निकट कई मसजिंदे, कब्रें तथा समाधियाँ हैं जिनमें बालापार तथा शेख मेंहँदी की समाधियाँ उल्लेखनीय हैं।
- वर्तमान काल में यह नगर गुलाबजल, इत्र एवं अन्य सुगंधित पदार्थ बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ