"अक्षकुमार": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{भारतकोश पर बने लेख}} | |||
{{लेख सूचना | {{लेख सूचना | ||
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 | |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
१३:१३, २४ सितम्बर २०१४ के समय का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
अक्षकुमार
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 68 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डो सदगोपाल। |
अक्षकुमार रावण और मंदोदरी का पुत्र। वाल्मीकीय रामायण के अनुसार हनुमान द्वारा अशोक वाटिका के विध्वंस को रोकने के लिए पाँच सेनापति रावण द्वारा भेजे गए किंतु वे सब हनुमान द्वारा हत हुए। तब रावण ने अक्ष को भेजा। आठ घोड़ों से जुती गाड़ी पर सवार वह अशोकवन पहुँचा और हनुमान से युद्ध करते-करते मारा गया। प्रचलन में इस अक्षय कुमार भी कहा जाता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ