"जोशीया": अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('*जोशीया या योशीया यहूदिया अर्थात्‌ दक्षिण फिलिस्ती...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{भारतकोश पर बने लेख}}
*जोशीया या योशीया यहूदिया अर्थात्‌ दक्षिण फिलिस्तीन के १६वें राजा (६३९-६०९ ई. पू.)।  
*जोशीया या योशीया यहूदिया अर्थात्‌ दक्षिण फिलिस्तीन के १६वें राजा (६३९-६०९ ई. पू.)।  
*वह अत्यंत धार्मिक थे; पतनोन्मुख यहूदी धर्म का सुधारांदोलन उनके द्वारा प्रारंभ हुआ।  
*वह अत्यंत धार्मिक थे; पतनोन्मुख यहूदी धर्म का सुधारांदोलन उनके द्वारा प्रारंभ हुआ।  

१३:०६, १५ फ़रवरी २०१५ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • जोशीया या योशीया यहूदिया अर्थात्‌ दक्षिण फिलिस्तीन के १६वें राजा (६३९-६०९ ई. पू.)।
  • वह अत्यंत धार्मिक थे; पतनोन्मुख यहूदी धर्म का सुधारांदोलन उनके द्वारा प्रारंभ हुआ।
  • उन्होंने यहूदिया तथा इसराएल (उत्तरी फिलिस्तीन) में मूर्तिपूजा के सभी मंदिर नष्ट कर दिए। मूर्तिपूजा पर प्रतिबंध लगाया।
  • योरुसलेम के मंदिर का पुनरुद्धार किया तथा मूसा की संहिता को पूर्ण रूप से लागू कर दिया।
  • ६०९ ई. पू. में जब मिस्र के राजा नेको बाबुल के विरुद्ध असीरिया की सहायता करने के उद्देश्य से फिलिस्तीन पार कर रहे थे तब ज़ोशीया ने अपनी सेना के साथ उनको एसट्रालोन के मैदान में रोकना चाहा।
  • वह उस युद्ध में आहत होकर शीघ्र ही योरुसलेम में चल बसे।
  • अत: उनके द्वारा चलाए हुए सुधारांदोलन का प्रगति रुक गई।
  • जेरेनिया आदि कुछ लोगों ने इसे बनाए रखने का व्यर्थ प्रयास किया। जोशीया के सुधारांदोलन की असफलता यहूदी जाति के लिये महाविपत्ति सिद्ध हुई।

टीका टिप्पणी और संदर्भ