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गोल्ड कोस्ट अफ्रीका का पश्चिमी समुद्रतटीय देश जिसे अब घाना कहतें हैं। पहले यह ब्रिटेन के पश्चिमी अफ्रीकी औपनिवेशिक तंत्र के अधीन था। | गोल्ड कोस्ट अफ्रीका का पश्चिमी समुद्रतटीय देश जिसे अब घाना कहतें हैं। पहले यह ब्रिटेन के पश्चिमी अफ्रीकी औपनिवेशिक तंत्र के अधीन था। | ||
14वीं सदी में सर्वप्रथम यहाँ पुर्तगालियों का आगमन हुआ। 17वीं सदी में अँगरेज तथा डच व्यापारी इस क्षेत्र के द्वारा दासों का व्यापार करते थे। धीरे धीरे इस क्षेत्र पर ब्रिटेन का आधिपत्य हो गया। 6 मार्च, 1957 को गोल्डकोस्ट तथा टोगोलैंड के ट्रस्टीशिप क्षेत्र को डोमिनियन पद (Dominion status) प्राप्त हुआ। उसी समय से इसका नामकरण घाना हुआ। यह नाम उस प्राचीन स्वतंत्र एव शक्तिशाली राजतंत्र का द्योतक है जो चौथी सदी से लेकर 13वीं सदी तक मध्य नाइजर क्षेत्र में स्थित था। पहली जुलाई, 1960 ई. को यह ब्रिटिश राष्ट्रसंघ के अंतर्गत एक स्वतंत्र गणराज्य घोषित हुआ। | |||
इसे हम भौगोलिक दृष्टि से पूर्वी, पश्चिमी, अशांति (Ashanti) उत्तरी तथा टोगोलैंड, इन पाँच क्षेत्रों में विभाजित कर सकते हैं। प्रशासनिक दृष्टि से इसे आठ भागों-पूर्वी, पश्चिमी, अशांति, उत्तरी, वोल्टा, मध्य, ऊपरी (Upper), तथा ब्रोंग अहाफो में बाँटा गया है। | इसे हम भौगोलिक दृष्टि से पूर्वी, पश्चिमी, अशांति (Ashanti) उत्तरी तथा टोगोलैंड, इन पाँच क्षेत्रों में विभाजित कर सकते हैं। प्रशासनिक दृष्टि से इसे आठ भागों-पूर्वी, पश्चिमी, अशांति, उत्तरी, वोल्टा, मध्य, ऊपरी (Upper), तथा ब्रोंग अहाफो में बाँटा गया है। | ||
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घाना का अधिकांश भाग वोल्टा नदी के बेसिन में पड़ता है। दक्षिणपश्चिमी समुद्रतटीय क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते हैं; शेष समुद्रतटीय निचले मैदानों में सवाना घासें उगती हैं। देश के अंतर्भाग में धरातल उठता जाता है। मध्य का पर्वतीय भाग अधिक वर्षा होने के कारण वनाच्छादित है। पहाड़ियों के उत्तर स्थित क्षेत्र में सवाना घासें प्रमुख प्राकृतिक वनस्पति हैं। | घाना का अधिकांश भाग वोल्टा नदी के बेसिन में पड़ता है। दक्षिणपश्चिमी समुद्रतटीय क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते हैं; शेष समुद्रतटीय निचले मैदानों में सवाना घासें उगती हैं। देश के अंतर्भाग में धरातल उठता जाता है। मध्य का पर्वतीय भाग अधिक वर्षा होने के कारण वनाच्छादित है। पहाड़ियों के उत्तर स्थित क्षेत्र में सवाना घासें प्रमुख प्राकृतिक वनस्पति हैं। | ||
घाना का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। कोकाआ यहाँ की सर्वप्रमुख फसल है जिसकी खेती | घाना का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। कोकाआ यहाँ की सर्वप्रमुख फसल है जिसकी खेती 45 लाख एकड़ में होती है। पिछले कुछ वर्षो में वैज्ञानिक तरीकों के व्यवहृत होने के कारण प्रति एकड़ उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। इसकी खेती पहाड़ों के दक्षिण, मुख्यतया कुमासी क्षेत्र में होती है। इसकी खेती पहाड़ों के दक्षिण, मुख्यतया कुमासी क्षेत्र में होती है। नारियल से उत्पन्न नारिकेल (Copra) द्वितीय प्रमुख निर्यात वस्तु है। पर्वतीय भागों के दक्षिण में मूँगफली, मकई, चावल, कैसवा (Cassava), केला, रतालू इत्यादि तथा उत्तरी क्षेत्र में मूँगफली, चावल, मकई, ज्वार, बाजरा तथा रतालू प्रमुख पैदावार हैं। तंबाकू तथा रबर का उत्पादन भी बढ़ रहा है। उत्तर में पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है। | ||
यह सोना, मैंगनीज, हीरा, तथा बॉक्साइट आदि खनिज पदार्थो के लिये प्रसिद्ध हैं। कोकोआ, सोना, लकड़ी, हीरा मैंगनीज, बॉक्साइट तथा तालबीज (Palm kernel) प्रमुख निर्यात वस्तुएँ हैं। | यह सोना, मैंगनीज, हीरा, तथा बॉक्साइट आदि खनिज पदार्थो के लिये प्रसिद्ध हैं। कोकोआ, सोना, लकड़ी, हीरा मैंगनीज, बॉक्साइट तथा तालबीज (Palm kernel) प्रमुख निर्यात वस्तुएँ हैं। 1958 ई. में घाना का कुल निर्यात-व्यापार 10,45,57,310, पाउंड (स्टर्लिंग) का था जिसका 36.2 प्रति शत ब्रिटेन, 19.2 प्रति शत संयुक्तराज्य अमरीका, 16.1 प्रति शत जर्मनी तथा 9.7 प्रतिशत हालैंड द्वारा खरीदा गया। आयात में सूती कपड़े, यंत्रादि और सवारी गाड़ियाँ प्रमुख हैं। | ||
समुद्रतट पर स्थित ऐक्रा (Accra) घाना की राजधानी तथा सबसे बड़ा नगर है जिसकी जनसंख्या | समुद्रतट पर स्थित ऐक्रा (Accra) घाना की राजधानी तथा सबसे बड़ा नगर है जिसकी जनसंख्या 3,25,977, (1960) है। अन्य नगरों में कुमासी (1,90,362), सेकोंदी-तोकोंरादी (1,01,532) केप कोस्ट (54,986) तमाले (49,223) कोफोरिदुआ (39,164) केता (29,719) विन्नेबा (25,366) ओबुआसी (23,775) आदि मुख्य हैं। ताकोरादी के अतिरिक्त ऐक्रा से 17मील पूर्व में तेमा में एक नया पत्तन बना है। 1959 ई. में घाना में कुल 591 मील लंबे रेलमार्ग तथा 13,766 मील लंबे राजमार्ग थे। | ||
१२:२५, २९ मई २०१५ के समय का अवतरण
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गोल्ड कोस्ट
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 37 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | फूलदेव सहाय वर्मा |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | काशी नाथ सिंह |
गोल्ड कोस्ट अफ्रीका का पश्चिमी समुद्रतटीय देश जिसे अब घाना कहतें हैं। पहले यह ब्रिटेन के पश्चिमी अफ्रीकी औपनिवेशिक तंत्र के अधीन था।
14वीं सदी में सर्वप्रथम यहाँ पुर्तगालियों का आगमन हुआ। 17वीं सदी में अँगरेज तथा डच व्यापारी इस क्षेत्र के द्वारा दासों का व्यापार करते थे। धीरे धीरे इस क्षेत्र पर ब्रिटेन का आधिपत्य हो गया। 6 मार्च, 1957 को गोल्डकोस्ट तथा टोगोलैंड के ट्रस्टीशिप क्षेत्र को डोमिनियन पद (Dominion status) प्राप्त हुआ। उसी समय से इसका नामकरण घाना हुआ। यह नाम उस प्राचीन स्वतंत्र एव शक्तिशाली राजतंत्र का द्योतक है जो चौथी सदी से लेकर 13वीं सदी तक मध्य नाइजर क्षेत्र में स्थित था। पहली जुलाई, 1960 ई. को यह ब्रिटिश राष्ट्रसंघ के अंतर्गत एक स्वतंत्र गणराज्य घोषित हुआ।
इसे हम भौगोलिक दृष्टि से पूर्वी, पश्चिमी, अशांति (Ashanti) उत्तरी तथा टोगोलैंड, इन पाँच क्षेत्रों में विभाजित कर सकते हैं। प्रशासनिक दृष्टि से इसे आठ भागों-पूर्वी, पश्चिमी, अशांति, उत्तरी, वोल्टा, मध्य, ऊपरी (Upper), तथा ब्रोंग अहाफो में बाँटा गया है।
घाना का अधिकांश भाग वोल्टा नदी के बेसिन में पड़ता है। दक्षिणपश्चिमी समुद्रतटीय क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते हैं; शेष समुद्रतटीय निचले मैदानों में सवाना घासें उगती हैं। देश के अंतर्भाग में धरातल उठता जाता है। मध्य का पर्वतीय भाग अधिक वर्षा होने के कारण वनाच्छादित है। पहाड़ियों के उत्तर स्थित क्षेत्र में सवाना घासें प्रमुख प्राकृतिक वनस्पति हैं।
घाना का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। कोकाआ यहाँ की सर्वप्रमुख फसल है जिसकी खेती 45 लाख एकड़ में होती है। पिछले कुछ वर्षो में वैज्ञानिक तरीकों के व्यवहृत होने के कारण प्रति एकड़ उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। इसकी खेती पहाड़ों के दक्षिण, मुख्यतया कुमासी क्षेत्र में होती है। इसकी खेती पहाड़ों के दक्षिण, मुख्यतया कुमासी क्षेत्र में होती है। नारियल से उत्पन्न नारिकेल (Copra) द्वितीय प्रमुख निर्यात वस्तु है। पर्वतीय भागों के दक्षिण में मूँगफली, मकई, चावल, कैसवा (Cassava), केला, रतालू इत्यादि तथा उत्तरी क्षेत्र में मूँगफली, चावल, मकई, ज्वार, बाजरा तथा रतालू प्रमुख पैदावार हैं। तंबाकू तथा रबर का उत्पादन भी बढ़ रहा है। उत्तर में पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है।
यह सोना, मैंगनीज, हीरा, तथा बॉक्साइट आदि खनिज पदार्थो के लिये प्रसिद्ध हैं। कोकोआ, सोना, लकड़ी, हीरा मैंगनीज, बॉक्साइट तथा तालबीज (Palm kernel) प्रमुख निर्यात वस्तुएँ हैं। 1958 ई. में घाना का कुल निर्यात-व्यापार 10,45,57,310, पाउंड (स्टर्लिंग) का था जिसका 36.2 प्रति शत ब्रिटेन, 19.2 प्रति शत संयुक्तराज्य अमरीका, 16.1 प्रति शत जर्मनी तथा 9.7 प्रतिशत हालैंड द्वारा खरीदा गया। आयात में सूती कपड़े, यंत्रादि और सवारी गाड़ियाँ प्रमुख हैं।
समुद्रतट पर स्थित ऐक्रा (Accra) घाना की राजधानी तथा सबसे बड़ा नगर है जिसकी जनसंख्या 3,25,977, (1960) है। अन्य नगरों में कुमासी (1,90,362), सेकोंदी-तोकोंरादी (1,01,532) केप कोस्ट (54,986) तमाले (49,223) कोफोरिदुआ (39,164) केता (29,719) विन्नेबा (25,366) ओबुआसी (23,775) आदि मुख्य हैं। ताकोरादी के अतिरिक्त ऐक्रा से 17मील पूर्व में तेमा में एक नया पत्तन बना है। 1959 ई. में घाना में कुल 591 मील लंबे रेलमार्ग तथा 13,766 मील लंबे राजमार्ग थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ