"कनकमुनि": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "४" to "4") |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के ४ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{भारतकोश पर बने लेख}} | |||
{{लेख सूचना | {{लेख सूचना | ||
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 | |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 | ||
पंक्ति २८: | पंक्ति २९: | ||
*इनका नाम, बौद्ध विश्वास के अनुसार, कनकमुनि इसलिए पड़ा कि इनके जन्म के समय जंबूद्वीप भर में स्वर्णवर्षा हुई थी। | *इनका नाम, बौद्ध विश्वास के अनुसार, कनकमुनि इसलिए पड़ा कि इनके जन्म के समय जंबूद्वीप भर में स्वर्णवर्षा हुई थी। | ||
*इनका जन्मस्थान सोदवती था। इनके पिता सैन्यदत्त और माता उत्तरा थीं। | *इनका जन्मस्थान सोदवती था। इनके पिता सैन्यदत्त और माता उत्तरा थीं। | ||
*अपने पुत्र के जन्म के पश्चात् ये अपने | *अपने पुत्र के जन्म के पश्चात् ये अपने 30,000 अनुयायियों के साथ राज्य छोड़कर चल पड़े और इन्होंने भिक्षुधर्म स्वीकार कर लिया। | ||
*कुछ काल की तपस्या के पश्चात् इन्हें बोधि अथवा ज्ञान प्राप्त हो गया। | *कुछ काल की तपस्या के पश्चात् इन्हें बोधि अथवा ज्ञान प्राप्त हो गया। | ||
*इन्होंने गौतमबुद्ध के आविर्भाव के विषय में भी भविष्यवाणी की थी। | *इन्होंने गौतमबुद्ध के आविर्भाव के विषय में भी भविष्यवाणी की थी। | ||
*ये प्रागैतिहासिक युग के माने जाते हैं। | *ये प्रागैतिहासिक युग के माने जाते हैं। | ||
*मेजर फ़ोर्ब्स ने गौतमबुद्ध के पूर्ववर्ती तीन बुद्धों का कालनिर्धारण करने का प्रयत्न किया है (जर्नल ऑव एशियाटिक सोसाइटी, जनू, | *मेजर फ़ोर्ब्स ने गौतमबुद्ध के पूर्ववर्ती तीन बुद्धों का कालनिर्धारण करने का प्रयत्न किया है (जर्नल ऑव एशियाटिक सोसाइटी, जनू, 1836)। | ||
*उनके अनुसार क्रकुच्छंद | *उनके अनुसार क्रकुच्छंद 3101 ई.पू. बुद्ध हुए थे। | ||
*इस कालगणना के अनुसार कनकमुनि ने | *इस कालगणना के अनुसार कनकमुनि ने 2099 ई.पू. और काश्यप ने 1014 ई.पू. बुद्धत्त्व की प्राप्ति की थी। | ||
*किंतु स्वाभाविक ही यह सर्वसम्मत मत नहीं है। | *किंतु स्वाभाविक ही यह सर्वसम्मत मत नहीं है। | ||
*कनकमुनि का मंजुश्रीमूलकल्प, दिव्यावदान, महावस्तु, लंकावतार, ललितविस्तर, कर्मविभंग आदि अनेक प्राचीन बौद्ध ग्रंथों में अन्य तथागतों, विशेष रूप से, क्रकुच्छंद और काश्यप के साथ, उल्लेख हुआ है। | *कनकमुनि का मंजुश्रीमूलकल्प, दिव्यावदान, महावस्तु, लंकावतार, ललितविस्तर, कर्मविभंग आदि अनेक प्राचीन बौद्ध ग्रंथों में अन्य तथागतों, विशेष रूप से, क्रकुच्छंद और काश्यप के साथ, उल्लेख हुआ है। |
११:३९, २० जुलाई २०१५ के समय का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
कनकमुनि
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 385-386 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1975 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | रामशंकर मिश्र |
- कनकमुनि गौतमबुद्ध के पूर्ववर्ती एक बुद्ध हैं।
- प्राचीन बौद्ध साहित्य में गौतमबुद्ध के छह पूर्ववर्ती बुद्धों अथवा तथागतों में इनका उल्लेख मिलता है।
- महावस्तु, कर्मविभंग आदि कुछ ग्रंथों में इनका कोनाकमुनि अथवा कोनाकमन के नाम से भी उल्लेख किया गया है।
- इनका नाम, बौद्ध विश्वास के अनुसार, कनकमुनि इसलिए पड़ा कि इनके जन्म के समय जंबूद्वीप भर में स्वर्णवर्षा हुई थी।
- इनका जन्मस्थान सोदवती था। इनके पिता सैन्यदत्त और माता उत्तरा थीं।
- अपने पुत्र के जन्म के पश्चात् ये अपने 30,000 अनुयायियों के साथ राज्य छोड़कर चल पड़े और इन्होंने भिक्षुधर्म स्वीकार कर लिया।
- कुछ काल की तपस्या के पश्चात् इन्हें बोधि अथवा ज्ञान प्राप्त हो गया।
- इन्होंने गौतमबुद्ध के आविर्भाव के विषय में भी भविष्यवाणी की थी।
- ये प्रागैतिहासिक युग के माने जाते हैं।
- मेजर फ़ोर्ब्स ने गौतमबुद्ध के पूर्ववर्ती तीन बुद्धों का कालनिर्धारण करने का प्रयत्न किया है (जर्नल ऑव एशियाटिक सोसाइटी, जनू, 1836)।
- उनके अनुसार क्रकुच्छंद 3101 ई.पू. बुद्ध हुए थे।
- इस कालगणना के अनुसार कनकमुनि ने 2099 ई.पू. और काश्यप ने 1014 ई.पू. बुद्धत्त्व की प्राप्ति की थी।
- किंतु स्वाभाविक ही यह सर्वसम्मत मत नहीं है।
- कनकमुनि का मंजुश्रीमूलकल्प, दिव्यावदान, महावस्तु, लंकावतार, ललितविस्तर, कर्मविभंग आदि अनेक प्राचीन बौद्ध ग्रंथों में अन्य तथागतों, विशेष रूप से, क्रकुच्छंद और काश्यप के साथ, उल्लेख हुआ है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ