"कीर्तिवर्मा चंदेल": अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (Text replace - "१" to "1")
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के २ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
*कीर्तिवर्मा (चंदेल) कालंजर का नरेश देववर्मा का छोटा भाई और विजयपाल का पुत्र जिसने 1०६० से 11०० ई. तक शासन किया।  
{{भारतकोश पर बने लेख}}
*कीर्तिवर्मा (चंदेल) कालंजर का नरेश देववर्मा का छोटा भाई और विजयपाल का पुत्र जिसने 1060 से 1100 ई. तक शासन किया।  
*कीर्तिवर्मा के पूर्व चंदेलों की राजनीतिक संप्रभुता चली गई थी, उन्हें कलचुरि शासक लक्ष्मीकरण के आक्रमणों के सामने अपमानित होना पड़ा था।  
*कीर्तिवर्मा के पूर्व चंदेलों की राजनीतिक संप्रभुता चली गई थी, उन्हें कलचुरि शासक लक्ष्मीकरण के आक्रमणों के सामने अपमानित होना पड़ा था।  
*कीर्तिवर्मा ने अपने सामंत गोपाल की सहायता से लक्ष्मीकर्ण को हराया।  
*कीर्तिवर्मा ने अपने सामंत गोपाल की सहायता से लक्ष्मीकर्ण को हराया।  

११:३४, १ अगस्त २०१५ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • कीर्तिवर्मा (चंदेल) कालंजर का नरेश देववर्मा का छोटा भाई और विजयपाल का पुत्र जिसने 1060 से 1100 ई. तक शासन किया।
  • कीर्तिवर्मा के पूर्व चंदेलों की राजनीतिक संप्रभुता चली गई थी, उन्हें कलचुरि शासक लक्ष्मीकरण के आक्रमणों के सामने अपमानित होना पड़ा था।
  • कीर्तिवर्मा ने अपने सामंत गोपाल की सहायता से लक्ष्मीकर्ण को हराया।
  • कृष्ण मिश्र रचित प्रबोधचंदोदय नामक संस्कृत नाटक में चेदिराज के विरुद्ध गोपाल के युद्धों और विजयों का उल्लेख है।
  • उसमें कहा गया है कि गोपाल ने नृपतितिलक कीर्तिवर्मा को पृथ्वी के साम्राज्य का स्वामी बनाया तथा उनके दिग्विजयव्यापार में शामिल हुआ।
  • चंदेलों के अभिलेखों से भी लक्ष्मीकर्ण के विरुद्ध कीर्तिवर्मा की विजयों की जानकारी प्राप्त होती हैं।
  • किंतु दोनों के बीच हुए युद्ध का ठीक-ठीक समय निश्चित नहीं किया जा सका है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ