"महाभारत आदि पर्व अध्याय 205 श्लोक 22-26": अवतरणों में अंतर
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१२:४४, ५ अगस्त २०१५ के समय का अवतरण
पञ्चाधिकद्विशततम (205) अध्याय: आदि पर्व (विदुरागमन-राज्यलम्भ पर्व )
यह जानकर आप पाण्डवों को हस्तिनापुर भेज दें। समस्त कुरुवंशी पाण्डवों को देखने और मिलने के लिये अत्यन्त उतावले हो रहे हैं । दीर्घकाल से ये परदेश में रह रहे हैं, अत: नरश्रेष्ठ पाण्डव तथा कुन्ती-सभी लोग अपना नगर देखने के लिये उत्सुक हो रहे होंगे । कौरवकुल की सभी श्रेष्ठ स्त्रियां, हमारे हस्तिनापुर नगर तथा राष्ट्र के सभी लोग पाञ्चाल राजकुमारी कृष्णा को देखने की इच्छा रखकर उसके शुभागमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं । अत: आप पत्नी सहित पाण्डवों को हस्तिनापुर चलने के लिये शीघ्र आज्ञा दीजिये। इस विषय में मेरी सम्मति यही हैं । राजन ! जब आप महामना पाण्डवों को जाने की आज्ञा दे देंगे, तब मैं यहां से राजा धृतराष्ट्र के पास शीघ्रगामी दूत भेजूंगा और यह संदेश कहला दूंगा कि कुन्ती तथा कृष्णा के साथ समस्त पाण्डव, हस्तिनापुर में आयेंगे ।
इस प्रकार आदिपर्व के अन्तर्गत विदुरागमन राज्यलम्भपर्व में विदुर-संवाद विषयक दो सौ पांचवां अध्याय पूरा हुआ ।
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