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अक्सकोव
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | चंद्रचूड़ मणि। |
अक्सकोव, सर्जी तिमोफियेविच सुप्रसिद्ध रूसी उपन्यासकार और संस्मरणकार। अक्सकोव का जन्म ऊफा (ओरेन्बर्ग) में 20 सितंबर, 1791 को हुआ था और प्रारंभ से ही उसे प्राकृतिक दृश्यों के प्रति सहज आकर्षण था। वह कज़ान विश्वविद्यालय का स्नातक था। साहित्य के क्षेत्र में उसे गोगोल से अधिक सहायता मिली जिसके विषय में उसने संस्मरण लिखे हैं। अक्सकोव के कुछ वर्ष यूराल के चरागाहों (स्टेपीज़) में भी बीते थे जहाँ दस वर्ष तक उसने कृषि कार्य अपना रखा था, किंतु उस क्षेत्र में उसे सफलता न मिली और आगे चलकर वह मास्को चला आया जहाँ गोगोल से मिलकर (1822 ई.) उसने एक साहित्यिक संस्था का संगठन किया। अक्सकोव रूसी जीवन का अभिचित्रण करने में बड़ा सफल हुआ है। उसके विषय में एक लेखक ने यहाँ तक लिखा है कि टॉलस्टाय के युद्ध और शांति (वार ऐंड पीस) में जिस तरह का सुंदर चित्रण पाया जाता है उससे किसी प्रकार कम सफलता अक्सकोव को उसकी रचनाओं में नहीं मिली है। अक्सकोव की कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं- क्रानिकिल्स ऑव ए रशियन फेमिली (1856, एम.सी. बेवर्ली का अंग्रेजी रूपांतर); रिकलेक्शंस ऑव गोगोल।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ