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अगोरानोमी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 73 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | भोलानाथ शर्मा |
अगोरानोमी नामक मंडियों के अध्यक्षों के पद ग्रीक नगरों में 120 से भी अधिक विद्यमान थे। सामान्यतया इनका चुनाव पत्रक या गुटिका द्वारा हुआ करता था। एथेंस में इन अध्यक्षों की संख्या 10 थी जिनमें से मुख्य पाँच नगर के लिए और पाँच पिरेयस् नामक एथेंस के बंदरगाह के लिए चुने जाते थे। इनका कर्तव्य हाट बाजार में व्यवस्था रखना, नाप तौल और पण्य वस्तुओं के गुणावगुण की देखभाल और हाट शुल्क संचय करना था। सामान्य नियमों का उल्लंघन करने वाले अर्थदंड के भागी होते थे तथा इस धन से हाट के भवनों का विस्तार एवं जीर्णोद्धार हुआ करता था। अधिक गंभीर अपराधों के मामलों को यह न्यायालयों में भेज दिया करते थे और इन अभियोगों की अध्यक्षता भी यही करते थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ