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अथर्वागिरस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 94 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | चंद्रचूड़ मणि। |
अथर्वागिरस वैदिक ऋषि अथर्वा या अंगिरा के अनुवर्ती अथर्वांगिरस के नाम से विख्यात हैं। उनका कार्य यज्ञ यागादी के अनुष्ठानों में अथर्ववेद के विधिवत् पालन की ओर ध्यान देना था। इनमें से कई मंत्रों के रचयिता या मंत्रद्रष्टा ऋषि भी थे। वैदिक साहित्य में पता चलता है कि स्वर्ग जाने के लिए आदित्यों के साथ इनकी स्पर्धा रहा करती थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ