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'''अनसूया''' दक्ष की कन्या तथा अत्रि की पत्नी, जिन्होंने राम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है। कालिदास के 'शाकुंतलम्‌' में अनसूया नाम की शकुंतला की एक सखी भी कही गई है।  
'''अनसूया''' दक्ष की कन्या तथा अत्रि की पत्नी, जिन्होंने राम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है। कालिदास के 'शाकुंतलम्‌' में अनसूया नाम की शकुंतला की एक सखी भी कही गई है।  
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लेख सूचना
अनसूया
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 112,113
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक चंद्रचूड़ मणि।

अनसूया दक्ष की कन्या तथा अत्रि की पत्नी, जिन्होंने राम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है। कालिदास के 'शाकुंतलम्‌' में अनसूया नाम की शकुंतला की एक सखी भी कही गई है।

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