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'''अनुराधापुर''' लंका का एक प्राचीन नगर है जो कोलंबो के बाद सबसे बड़ा है। यह लंका के उतरी मध्यप्रांत की राजधानी तथा बौद्धों का प्रसिद्ध तीर्थ है। नगर का स्थापनाकाल ईसा 500 वर्ष पूर्व बताया जाता है। जब अशोक के पुत्र महेंद्र ने लंका ने शासकों तथा प्रजा को बौद्धों बनाया था, तब भी अनुराधापुर देश की राजधानी था। नगर में दो बहुत पुराने रम्य तालाब तथा एक बहुत बड़ा बौद्धकालीन प्रगति के प्रतीक हैं। यहाँ एक वृक्ष है जो लोकोक्ति के अनुसार भारतस्थित बोधिगया वृक्ष की शाखा से उगाया गया था। यह प्राचीन नगर देश का व्यापारिक तथा व्यावसायिक केंद्र है। यहाँ आटा पीसने की चक्कियाँ तथा अन्य बहुत से छोटे-मोटे उधोग धंधे हैं।  
'''अनुराधापुर''' लंका का एक प्राचीन नगर है जो कोलंबो के बाद सबसे बड़ा है। यह लंका के उतरी मध्यप्रांत की राजधानी तथा बौद्धों का प्रसिद्ध तीर्थ है। नगर का स्थापनाकाल ईसा 500 वर्ष पूर्व बताया जाता है। जब अशोक के पुत्र महेंद्र ने लंका ने शासकों तथा प्रजा को बौद्धों बनाया था, तब भी अनुराधापुर देश की राजधानी था। नगर में दो बहुत पुराने रम्य तालाब तथा एक बहुत बड़ा बौद्धकालीन प्रगति के प्रतीक हैं। यहाँ एक वृक्ष है जो लोकोक्ति के अनुसार भारतस्थित बोधिगया वृक्ष की शाखा से उगाया गया था। यह प्राचीन नगर देश का व्यापारिक तथा व्यावसायिक केंद्र है। यहाँ आटा पीसने की चक्कियाँ तथा अन्य बहुत से छोटे-मोटे उधोग धंधे हैं।  
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लेख सूचना
अनुराधापुर
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 125
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक हरिहरनाथ सिंह।

अनुराधापुर लंका का एक प्राचीन नगर है जो कोलंबो के बाद सबसे बड़ा है। यह लंका के उतरी मध्यप्रांत की राजधानी तथा बौद्धों का प्रसिद्ध तीर्थ है। नगर का स्थापनाकाल ईसा 500 वर्ष पूर्व बताया जाता है। जब अशोक के पुत्र महेंद्र ने लंका ने शासकों तथा प्रजा को बौद्धों बनाया था, तब भी अनुराधापुर देश की राजधानी था। नगर में दो बहुत पुराने रम्य तालाब तथा एक बहुत बड़ा बौद्धकालीन प्रगति के प्रतीक हैं। यहाँ एक वृक्ष है जो लोकोक्ति के अनुसार भारतस्थित बोधिगया वृक्ष की शाखा से उगाया गया था। यह प्राचीन नगर देश का व्यापारिक तथा व्यावसायिक केंद्र है। यहाँ आटा पीसने की चक्कियाँ तथा अन्य बहुत से छोटे-मोटे उधोग धंधे हैं।

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