"अब्बादीदी" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
{{लेख सूचना
 
{{लेख सूचना
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1

०७:११, २९ मई २०१८ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
अब्बादीदी
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 172
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक डॉ. मुहम्मद अज़हर असगर अंसारी

अब्बादीदी अरबों का वह खानदान जिसने सेविल में सन्‌ 1023 ई. में एक स्वतंत्र राज्य कायम किया। उस घराने के संस्थापक सेविल के काजी अबुल कासिम मोहम्मद बिन इस्माइल थे। इनके पुरखे शाम देश से स्पेन आए थे। इनका राज्य बड़ा तो न था, फिर भी आसपास की रियासतों में सबसे शक्तिशाली था अबुल कासिम ने स्पेन और अरब के मुसलमानों को बर्बरों के विरुद्ध संगठित कर दिया। उनका पुत्र ऐबाद स्पेन के मुसलमान खानदानों के इतिहास में बहुत प्रसिद्ध हो गया है। वह स्वयं कव और विद्वानों का संरक्षक था, पर वह जालिम और कठोरहृदय भी था। वह पने विरोधियों को निर्दयता से कुचल दिया करता था। वह शत्रुओं की खोपड़ियाँ जमा किया करता था। प्रसिद्ध लोगों की खोपड़ियाँ वह बक्सों में सुरक्षित रखता और साधारण लोगों की खोपड़ियाँ के दीवट या गुलदान बनवाया करता था। उसका सारा बल अपने समय के लोगों से लड़ने में खर्च हुआ। उसकी मौत (1069 ई.) के बाद से इस घराने का विनाश आरंभ हुआ। इस कुल के अंतिम राजा अलमोतमिद को ईसाई राजा अलफान्सो चतुर्थ ने पराजित किया और उसकी मौत मराकश में कैद में हुई।



टीका टिप्पणी और संदर्भ