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अरक्कोणम
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 216 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री काशीनाथ सिंह |
अरक्कोणाम् तमिलनाडु के उत्तर आर्काडु जिले में इसी नाम के ताल्लुके का प्रमुख केंद्र है (स्थिति: 1305' उ.अ. एवं 790 40'पू.दे.)। रेलवे जंकशन होने के कारण यह नगर तीव्र गति से उन्नति कर गया है। यह मद्रास रेलवे की उत्तर पश्चिमी एवं दक्षिण पश्चिमी लाइनों का केंद्र तथा दक्षिणी रेलवे की प्रमुख लाइन के चेंगलपट्टु नामक स्थान से निकलने वाले शाखा-रेल-मार्ग का अंतिम स्थान भी है। 1901ई. में इसकी जनसंख्या 5,313 थी, जिसमें अधिकांश रेलवे कर्मचारी थे। 1941ई. में यह 15,484 थी, जो सन् 1951 तक के दशक मेेंं बढ़कर 23,032 हो गई। इसमें लगभग 25% लोग यातायात के धंधे में लगे थे। नगर का प्रशासन पंचायत द्वारा होता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ