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'''आक्साइड''' किसी तत्व के साथ आक्सीजन के यौगिक हैं। ये सर्वत्र बहुतायत से मिलते हैं। हाइड्रोजन का आक्साइड पानी ( | '''आक्साइड''' किसी तत्व के साथ आक्सीजन के यौगिक हैं। ये सर्वत्र बहुतायत से मिलते हैं। हाइड्रोजन का आक्साइड पानी (हा<sub>2</sub>औ) पृथ्वी पर बहुत बड़ी मात्रा में है। इसके अतिरिक्त हवा में कई प्रकार के गैसीय आक्साइड हैं, जैसे कार्बन डाइ आक्साइड, सल्फर डाइ आक्साइड आदि। खनिजों, चट्टानों और धरती की ऊपरी तह में भी विभिन्न आक्साइड हैं। आक्सीजन कुछ तत्वों को छोड़कर लगभग सभी तत्वों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष क्रिया करता है। इससे अनेक आक्साइड उपलब्ध हैं। | ||
आक्साइड बनाने के लिए वैसे तो बहुत सी विधियाँ हैं, परंतु साधारणतया निम्नांकित विधियों का प्रयोग होता है: | आक्साइड बनाने के लिए वैसे तो बहुत सी विधियाँ हैं, परंतु साधारणतया निम्नांकित विधियों का प्रयोग होता है: |
०९:३०, १० जून २०१८ के समय का अवतरण
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ऑक्साइड
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 344 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. विंध्यवासिनी प्रसाद |
आक्साइड किसी तत्व के साथ आक्सीजन के यौगिक हैं। ये सर्वत्र बहुतायत से मिलते हैं। हाइड्रोजन का आक्साइड पानी (हा2औ) पृथ्वी पर बहुत बड़ी मात्रा में है। इसके अतिरिक्त हवा में कई प्रकार के गैसीय आक्साइड हैं, जैसे कार्बन डाइ आक्साइड, सल्फर डाइ आक्साइड आदि। खनिजों, चट्टानों और धरती की ऊपरी तह में भी विभिन्न आक्साइड हैं। आक्सीजन कुछ तत्वों को छोड़कर लगभग सभी तत्वों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष क्रिया करता है। इससे अनेक आक्साइड उपलब्ध हैं।
आक्साइड बनाने के लिए वैसे तो बहुत सी विधियाँ हैं, परंतु साधारणतया निम्नांकित विधियों का प्रयोग होता है:
आक्सीजन के सीधे संयोग से-सोडियम, फास्फोरस, लोह, कार्बन, गंधक, मैग्नीशियम इत्यादि हवा या आक्सीजन में गरम करने पर आक्साइड बनाते हैं। इनमें कुछ तो साधारण ताप पर ही धीरे-धीरे आक्सीजन से क्रिया करते हैं, जैसे सोडियम, फास्फोरस आदि।
पानी की क्रिया द्वारा-मोरचा लगने से अथवा गरम लोहे पर भाप की क्रिया से लोहे का आक्साइड प्राप्त होता है। कुछ धातुओं के नाइट्रेट या कारबोनेट को अधिक गरम करने पर (लवण के विघटन से) आक्साइड प्राप्त होता है, जैसे कापर नाइट्रेट या कैल्सियम कारबोनेट से क्रमानुसार ताँबे तथा नाइट्रोजन के और कैल्सियम तथा कार्बन के आक्साइड। इसी विधि से हाइड्रॉक्साइड (जैसे फ़ेरिक हाइड्रॉक्साइड) भी आक्साइड देते हैं।
रासायनिक गुण अथवा आक्सीजन के अनुपात के अनुसार इन आक्साइडों को क्रम से रखने पर प्रत्येक समूह के प्रतिनिधि आक्साइड धा2आै या धा आै इत्यादि होते हैं (यहाँ = धा कोई धातु, आै = आक्सीजन)। परंतु कुछ तत्व कई आक्साइड बनाते हैं, जिनमें आक्सीजन की मात्राएँ भिन्न होती हैं।
रासायनिक गुण के विचार से आक्साइड निम्नांकिंत वर्गों में विभक्त किए जा सकते हैं:
अम्लीय आक्साइड-ये पानी से मिलकर अम्ल बनाते हैं अथवा क्षार या क्षारीय आक्साइड के लवण; जैसे कार्बन डाइ आक्साइड, सल्फर डाइ आक्साइड। कुछ आक्साइड मिश्रित ऐनहाइड्राइड होते हैं, जैसे नाइट्रोजन पराक्साइड पानी के साथ नाइट्रस और नाइट्रिक अम्ल दोनों बनाता है।
क्षारीय आक्साइड-ये पानी से मिलकर क्षार बनाते हैं अथवा अम्ल या अम्लीय आक्साइड से लवण; जैसे सोडियम, पोटैशियम, कैलिशयम के आक्साड।
उदासीन आक्साइड - इनकी क्रिया से न लवण ही बनता है और न क्षार अथवा अम्ल; जैसे नाइट्रस आक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड। वैसे तो नाइट्रस आक्साइड हाइपोनाइट्रस अम्ल का ऐनहाइड्राइड है, परंतु पानी से मिलकर अम्ल नहीं बनाता।
उभयधर्मी (ऐंफोटरिक) आक्साइड - ये अम्ल से क्षारीय आक्साइड के सदृश तथा क्षार से अम्लीय आक्साइड के सदृश क्रिया करते हैं, जैसे ज़िंक आक्साइड अम्ल तथा क्षार दोनों से लवण देता है।
पराक्साइड-इनमें साधारण से अधिक आक्सीजन होता है। ऐसे (क्षारीय) पराक्साइड पानी अथवा अम्ल से हाइड्रोजन आक्साइड बनाते हैं (जैसे सोडियम या बेरियम पराक्साइड)। इनमें भी दो प्रकार हैं, पहला सुपर आक्साइड तथा दूसरा बहु (पॉली) आक्साइड।
दोहरे या मिश्रित आक्साइड - कुछ धातु के ऐसे दो आक्साइड, जिनमें से एक में आक्सीजन की मात्रा कम है तथा दूसरी में अधिक, मिलकर मिश्रित आक्साइड देते हैं। जैसे लोऔ तथा लाे2औ3 से लो3आै4 (लो = लोहा या लौह)।
आक्साइड के नामकरण में आक्सीजन की मात्रा के अनुसार मोनो (एक), डाई (द्वि), सेस्क्वी (अध्यर्द्ध) इत्यादि का प्रयोग होता है।
आक्साइड़ों का उपयोग बहुत तरह के रासायनिक यौगिकों के बनाने में है। कई प्रकार के उत्प्रेरकों (कैटालिस्टों) तथा उनके उन्नायकों (प्रोमोटर्स) में आक्साइड का बहुत उपयोग होता है।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सं.ग्रं-जे.डब्ल्यू. मेलर: ए कॉम्प्रिहेंसिव ट्राटिज़ ऑन इनॉर्गैनिक ऐंड थ्योरेटिकल केमिस्ट्री (1922); जे.आर. पारटिंगटन: टेक्स्ट बुक ऑव इनॉर्गेनिक केमिस्ट्री।