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ऐडम क्राफ्ट
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 200 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | भाऊ समर्थ |
ऐडम क्राफ्ट पंद्रहवीं शती का जर्मन कलाकार। 35 वर्ष की अवस्था में क्राइस्ट के जीवन से संबंधित घटनाओं पर सात कलापूर्ण शिल्पाकृतियों का निर्माण करके शिल्पकला के क्षेत्र में उसने विशेष प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा प्राप्त की थी। उसकी ये कृतियाँ अन्य कृतियों के साथ नुरेंबर्ग में सुरक्षित हैं। नुरेंबर्ग के संत सेबाल्द चर्च में उसने जो आकृतियाँ अंकित की हैं वे रूपांकन और वस्त्राभूषण में सामयिक होने के कारण यथार्थवादी कला के बेजोड़ नमूने लगती हैं। उसी चर्च की वेदी पर क्रॉस पहने क्रॉइस्ट, की शिल्पाकृति भी उन्होंने बनाई थी। होत्स्कुहर चैपेल में संत जान्स के समाधिस्थान पर पुरु षाकार आकृतियों से युक्त शिल्प उसकी अंतिम कृति है जिसे उसने 1507 ई. में बनाया था। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक तथा निजी भवनों के लिए भी वह कलाकृतियाँ बनाता रहा। गरीब नौकरों के घर पर भी उसने कई चित्रशिल्प बनाए, जिनके विषय संत जार्ज और अजगर और मंदोना थे। इसी प्रकार अनेक अलंकृत आकृतियाँ भी उन्होंने बनाई। संत लारेंस चर्च के 62 फुट ऊँचे भवन में निर्मित उनकी कृतियाँ विशेष प्रभावशाली हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ