"आँहवेई": अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (ऑंहवेई का नाम बदलकर आँहवेई कर दिया गया है)
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{भारतकोश पर बने लेख}}
{{लेख सूचना
{{लेख सूचना
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1

०६:२३, २० जुलाई २०१८ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
आँहवेई
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 332
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक डॉ. नवलकिशोर प्रसाद सिंह

आँहवेई चीन देश का एक पूर्वी प्रांत है, जो याँगसीक्याँग की घाटी में स्थित है; क्षेत्रफल : 1,३9,000.9 वर्ग कि.मी.; जनसंख्या 3,50,00,000 (19६8 ई.)। यह प्रांत सन्‌ 1938 से 1948 ई. तक जापान के अधीन रहा। चीन की राजनीतिक क्रांति के बाद इसके दो भाग किए गए, परंतु अगस्त, सन्‌ 1952 ई. में ये पुन: एक हो गए। आँहवेई दो प्राकृतिक भागों में विभक्त किया जा सकता है:

(1) उत्तरी आँहवेई, उत्तर चीन के मैदान का एक खंड है जो ह्वाईहो की द्रोणी में स्थित है। यह क्षेत्र जाड़े में अत्यधिक ठंडा और शुष्क तथा गर्मी में आर्द्र एवं उष्ण रहता है। यह जाड़े में गेहूँ और क्योंलियाँग की उपज के लिए प्रसिद्ध है।

(2) दक्षिणी आँहवेई, याँगसीक्याँग की घाटी में पहाड़ियों से घिरा, अधिक रम्य जलवायु तथा गेहूँ एवं चावल की उपज का क्षेत्र है। यह प्रांत अन्न के अतिरक्ति रूई, रेशम, चाय तथा खनिजों में कोयले और लोहे का भी उत्पादन करता है। इसके प्रमुख नगर पेंगपू, वुहू, होफी तथा हाइनिंग हैं। होफी उत्पादन करता है।






टीका टिप्पणी और संदर्भ