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ओआजाका
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 291 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्रीनाथ मेहरोत्रा |
ओआजाका मेक्सिको देश का एक राज्य है, जो उत्तर में पुएब्ला तथा वेराक्रूज़ राज्य से, पूर्व में च्यापास राज्य से, दक्षिण में प्रशांत महासागर से तथा पश्चिम में गेरेरो राज्य से घिरा हुआ है। यह प्रशांत महासागर के तट के समांतर 270 मील लंबा है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई 170 मील और क्षेत्रफल 33,978 वर्ग मील है। 1970 ई. में जनसंख्या 20,11,946 थी। यद्यपि यह कुछ कुछ पहाड़ी तथा ऊँचा नीचा प्रदेश है, फिर भी देश के अति सुंदर एवं सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है। इसकी मुख्य नदियाँ ऐलवैराडो, रीओ ग्रैंड तथा वर्डि हैं। खनिज पदार्थो में यहाँ सोने चाँदी का उतना महत्व नहीं है जितना ताँबा, लोहा, गंधक, इत्यादि का। प्राय: भूकंप आते रहते हैं तथा सागरीय तट पर भयंकर तूफान, जिन्हें पैरागेलोस कहते हैं, अचानक आते रहते हैं। यहाँ की जलवायु स्फूर्तिदायक तथा मिट्टी उपजाऊ है। गेहूँ, मक्का, जौ, कपास, गन्ना, केला और अनानास की खेती की जाती है। यहाँ का मुख्य एवं एकमात्र बंदरगाह हुआटुलियो है। यहाँ के निवासी 'इंडियंस' कहलाते हैं जिनकी 19 जातियाँ पाई जाती हैं।
ओआजाका नाम का नगर अपने ही नाम के राज्य की राजधानी है तथा वर्डि नदी के बाएँ तट के निकट, मेक्सिको नगर से 218 मील दूर दक्षिण पूर्व की ओर 4,800 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। नगर पक्का और अच्छा बना हुआ है (2 मील लंबा, 1ह् मील चौड़ा) तथा बाग बगीचों से सुसज्जित है। यहाँ के लोग मेहनमी हैं तथा रेशम, कपास, चीनी और चॉकलेट इत्यादि के धंधों में लगे हुए हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ